अब कश्मीर के साथ साथ नेपाल में भी मिलेगा गुजराती आइसक्रीम का स्वाद, इस कंपनी ने शुरू किया व्यापार

अब कश्मीर के साथ साथ नेपाल में भी मिलेगा गुजराती आइसक्रीम का स्वाद, इस कंपनी ने शुरू किया व्यापार

अमरेली शहर की एक आइसक्रीम कंपनी शीतल कूल प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने कश्मीर के पुलवामा और श्रीनगर में 400 से अधिक दुकानों में अपनी आइसक्रीम की बिक्री शुरू कर दी है

व्यापार की बात हो और गुजरात का जिक्र ना हो ऐसा तो असंभव ही है। मजाक में ऐसा कहा जाता है कि अगर चाँद पर कोई रहने जायेगा और उसे वहां किसी चीज की जरुरत होगी तो वो किसी गुजराती के दुकान से ही खरीदेगा। ऐसा ही कुछ हकीकत में हुआ है, भले ये दुकान चाँद पर ना हो पर हिंदुस्तान के स्वर्ग यानी कश्मीर पर है। अब से कोई भी कश्मीर की यात्रा करने वाला कश्मीर में गुजरात में बनी आइसक्रीम खा सकेगा। अमरेली शहर की एक आइसक्रीम कंपनी शीतल कूल प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने कश्मीर के पुलवामा और श्रीनगर में 400 से अधिक दुकानों में अपनी आइसक्रीम की बिक्री शुरू कर दी है। इसके प्रबंध निदेशक भूपथभाई भुवा के अनुसार वो अगले एक या दो वर्षों में धीरे-धीरे पूरे कश्मीर में अपनी बिक्री शुरू करने का लक्ष्य बना रहे हैं।
आपको  बता दें कि भूपथभाई ने 1 मई से नेपाल को भी अपनी आइसक्रीम निर्यात भी शुरू कर दिया है। शीतल कूल ने नेपाल के काठमांडू और पोखरा जिलों में आइसक्रीम भेजना शुरू कर दिया है। फिलहाल नेपाल को अमरेली से आइसक्रीम के 2 कंटेनर सप्लाई किए जाते हैं। नेपाल के अलावा ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर को भी आइसक्रीम का निर्यात किया जाता है। वर्तमान में कुल कारोबार में निर्यात का हिस्सा बहुत छोटा है, लेकिन हम अगले कुछ वर्षों में निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
आगे भूपथभाई ने कहा, "हमें अहमदाबाद नगर निगम से अपने नियंत्रण वाले 50 बागानों में आइसक्रीम आउटलेट शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। इनमें से 10 गार्डन में इस महीने के अंत तक पार्लर खुल जाएंगे। हमने अहमदाबाद के अलावा सूरत और राजकोट निगम से भी बगीचे में आउटलेट शुरू करने की अनुमति मांगी है। सूरत नगर निगम से जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।”
आपको बता दें कि गुजरात के सौराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे अमरेली में आज से 35 साल पहले भुवा परिवार के चार भाइयों के सबसे बड़े बेटे जगदीशभाई भुवा ने बस स्टैंड के सामने शीतल पान पार्लर और सोडा शॉप नाम की दुकान शुरू की थी। इसने हस्तनिर्मित आइसक्रीम और लस्सी बेचना शुरू कर दिया। 1997 में जगदीशभाई की मृत्यु हो गई, और उनके छोटे भाई भूपथभाई ने 2000 में कंपनी की बागडोर संभाली। एक छोटी सी दुकान से शुरू हुई कंपनी आज 325 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनी बन गई है।
इस बारे में भूपतिभाई ने कहा, " जब हमने आइसक्रीम बेचना शुरू किया था उन दिनों हमारे पास कर्मचारी नहीं थे, इसलिए हम एक ही उत्पाद के साथ खुदरा दुकानों में जाते थे और ग्राहकों से बात करते थे और उनकी राय लेते थे। इस तरह हम अपने उत्पाद में सुधार कर रहे हैं। उन दिनों हम 15-18 घंटे काम करते थे। इसके अलावा हमारे पास अपना वाहन नहीं था इसलिए परिवहन की अतिरिक्त लागत हमारे लिए एक अतिरिक्त बोझ थी, लेकिन यह सब करना आवश्यक था, क्योंकि हमारी प्रतिस्पर्धा बड़ी कंपनियों के साथ थी।”