जानें 9 साल की भतीजी को मौत की नींद सुलाने वाली चाची के साथ मृतक के पिता और चाचा क्यों हुए गिरफ्तार

जानें 9 साल की भतीजी को मौत की नींद सुलाने वाली चाची के साथ मृतक के पिता और चाचा क्यों हुए गिरफ्तार

घर की बात घर में रहने देने के लिए पिता ने चाची के खिलाफ नहीं की कोई भी शिकायत, भांडा फूटने पर माता ने की पुलिस में शिकायत

गुजरात के उपलेटा से एक सनसनीखेज हत्याकांड की खबर सामने आ रही है। इस मामले में सगी चाची ने अपनी 9 वर्षीया भतीजी के सिर पर लोहे का दस्ता दे मारा और उसे मौत की नींद सुला दिया। पूरे घटनाक्रम को हादसे के रूप में दिखाने का कुप्रयास भी किया गया। पूरे मामले में मृतक बच्ची के पिता और चाचा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस पूरे कांड के संबंध में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उपलेटा में साबुन के कारोबार से जुड़ा निमावत परिवार में दो भाई चेतन और मयुर एक साथ रहने थे। दोनों भाइयों की पत्नियों यानि देरानी-जेठानी में आपस में तकरार होती रहती थी। बड़े भाई चेतन की दो बेटियां और छोटे भाई मयुर के दो बेटे थे। छोटे भाई मयुर की पत्नी वंदना को अपनी जेठानी के प्रति द्वेष भाव था और इसका बदला उसने अपनी भतीजी को मारकर लेना चाहा। 
रिपोर्ट के अनुसार 8 जून को दोपहर के समय वंदना अपने घर की छत पर गई और वहां कंबल बिछाकर और पास में लोहे का दस्ता रखकर आई। मानो उसके मन में खून सवार था। घर में भतीजी आयुषी टीवी देख रही थी, तभी वंदना आई और उसे बहला-फुसला कर छत पर ले गई। वहां उसने आयुषी को कंबल पर सुलाया और बिना समय गंवाये बच्ची के सिर पर लोहे के दस्ते से वार कर दिया। लड़की छटपटाने लगी तो उसने पुनः उस पर वार कर दिया। लोहे के दस्तों से दो बार वार होने के बाद लहुलूहान बच्ची बेहोश हो गई।
आयुषी पर हमला करने के बाद चाची वंदना रोते-बिलखते घर के कक्ष में पहुंची और परिजनों को बताया कि आयुषी सीढ़ी से गिर गई है। बच्ची सीढ़ी के पास ही घायल अवस्था में पड़ी थी। जिसके चलते परिजनों द्वारा बच्ची को शहर के निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान घर के अन्य सदस्य भी अस्पताल पहुंच गये। 
घटना के बाद घर पहुंचे बच्ची के पिता चेतन ने छत पर खून के निशान देखे। उसे वंदना पर शक हो गया। उसने अपने छोटे भाई मयूर को मामले की जानकारी दी। कहा जा रहा है मयूर ने अपने बड़े भाई से कहा कि घर की बात घर में ही रहनें दे। इसी इरादे से बच्ची का पोस्ट मोर्टम करवाये बिना ही आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना के दूसरे दिन जब मृतक बच्ची आयुषी की मां किरण छत पर गई तो उसने खून के धब्बे और लाल रंग के निशान वाली कंबल सूखती देखी। उसे भी अनहोनी का संदेह हुआ और उसने अपने पति और देवर को मामले की सूचना दी। भांडा फूटता देख पति ने किरण के समझा सारी बात उजागर कर दी कि वंदना ने पूरी घटना को अंजाम दिया है और मामला घर के बाहर न जाए इसके लिये उन्होंने खून के निशान साफ किये हैं।
पूरे घटनाक्रम से खफा आयुषी की मां किरण ने पुलिस को मामले की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने संबंधित लोगों से पुछताछ की और तीनों आरोपियों को अपने शिकंजे में लेकर पीआई के के जाड़ेजा ने जांच आगे बढ़ाई है। पुलिस ने घर की छत, वहां मौजूद कंबल और आसपास की वस्तुओं से फोरेंसिक विभाग की मदद से सबूत जुटाने की कोशिश की है। घटना स्थल की वीडियोग्राफी भी की गई है।