हिम्मतनगर : 9 दिन पहले जमीन में दफ़न मिली बच्ची आखिरकार हारी जिंदगी की लड़ाई

हिम्मतनगर : 9 दिन पहले जमीन में दफ़न मिली बच्ची आखिरकार हारी जिंदगी की लड़ाई

समय से पहले जन्मी बच्ची को माँ ने जमीन में गाड़ दिया था

9 दिन पहले हिम्मतनगर तालुका के गंभोई से एक महिला ने समय से पहले पैदा हुई अपनी बच्ची को जमीन में गाड़ दिया था। सौभाग्य से यह बच्ची जीवित पाई गया। अब खबर है की यह बच्ची जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई को हार गई और रक्षाबंधन के तड़के सुबह अंतिम सांस ली।

सिविल डॉक्टर राडा एनएम शाह के अनुसार समय से पहले जन्मी इस सात माह की बच्ची को इलाज के लिए हिम्मतनगर सिविल लाया गया था, उसकी तबीयत बहुत नाजुक थी।डॉक्टरों ने बालू के कारण बच्चे के नाक, मुंह और शरीर के अन्य कोमल अंगों में संक्रमण पाया। जिससे उनके शरीर के अंगों ने उम्मीद के मुताबिक काम करना बंद कर दिया। इसके बाद बच्ची को सेफ्टिसिनिया से संक्रमित पाया गया।

हालांकि, वडनगर और अन्य जगहों से आये बाल रोग विशेषज्ञों ने बच्ची का परिणाम की परवाह किए बिना दिन-रात काम करना शुरू कर दिया। लेकिन मानो प्रकृति ने भी साथ नहीं दिया। इन सबके बाद कल रक्षाबंधन की सुबह करीब साढ़े चार बजे उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और अनंत यात्रा पर निकल गईं। इस एक बच्ची की मौत की खबर से रक्षाबंधन पर्व मातम में बदल गया।

लड़की की मौत के बाद, उसके शरीर को नियमों के अधीन नागरिक अधिकारियों द्वारा गंभोई पुलिस को सौंप दिया गया था। बाद में पुलिस ने बच्ची का शव उसके छोटे भाई को सौंप दिया।

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