गुजरातः भरूच त्रासदी, नर्स चार्मी ने बताई रात की घटना, जलती पीपीई कीट फेंककर कॉल कर तत्काल मदद मांगी

गुजरातः भरूच त्रासदी,  नर्स चार्मी ने बताई रात की घटना, जलती पीपीई कीट फेंककर कॉल कर तत्काल मदद मांगी

जलती हुई पीपीई किट फेंकते हुए, मैंने फोन किया और तत्काल मदद मांगी

भरूच के पटेल वेलफेयर अस्पताल में शुक्रवार मध्यरात्रि 12.30 बजे आग लग गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 16 कोरोना मरीज और दो नर्स शामिल हैं। इस घटना में बच गई नर्स चार्मी गोहिल ने कहा कि शुक्रवार रात मेरे साथ ड्यूटी पर 3 छात्र थे। रात्रि करीब 12.30 बजे वेंटिलेटर में एक चिंगारी के बाद कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। सभी बुरी तरह से घबरा गए। अचानक आग लगने पर साथी नर्स फरिगा खातुन का पीपीई किट जलने लगा। मेरी किट भी जलने लगी क्योंकि मैं उसके बगल में खड़ी थी और हाथ से उसकी किट की आग बुझाने की कोशिश कर रही  थी।  जलती हुई पीपीई किट फेंकते हुए, मैंने फोन किया और तत्काल मदद मांगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे दोनों की कीट में आग देख तीसरी साथी नर्स माधवी दौड़कर मौके पर पहुंची। माधवी और फ़रिगा दोनों वाशरूम की ओर भागीं। जहां आग फैल चुकी थी। आग लगने से अंधेरा छा गया था कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं बचने के लिए बाहर निकलने दौड़ पड़ी थी, बाहर निकलते समय रास्ते में मैंने जलती हुई पीपीई किट निकाली और उसे फेंक दिया। मैंने बिना देर किए अपने साहब को फोन किया और मदद मांगी। मैं उस रात को नहीं भूल सकती, भीषण आग, भागते हुए साथी नर्सों की भीड़, धुआँ, आंखों के सामने। आंख बंद करते ही  भयानक दृश्य सामने आ जाती है। संतुष्टि यह है कि हम 3 सहेलियों ने एक दूसरे को बचाने की पूरी कोशिश की और दुख इस बात की है कि  मेरे 2 सहेलियों ने मुझे हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
भागदौड़ के बीच सैनिटाइजर गिरने से आग फैल गई। आग की चपेट में ड्यूटी पर तैनात नर्स की पीपीई किट भी आ गई। जिसके कारण 2 नर्सों की भी दर्दनाक मौत हो गई। मौके पर 4,000 लोग जमा थे और बचाव अभियान चलाया। लोगों ने तुरंत 35 मरीजों को दूसरे अस्पताल में पहुंचाया। इस दौरान 11 मरीज झुलस गये थे।  मृतकों की हालत ऐसी थी कि उन्हें पहचानने में 6 घंटे लगे थे।
35 रोगियों को बचाया गया
आधी रात को लगी आग के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो संदेश वायरल होते ही बड़ी संख्या में लोग पहुंच गये। लोगों ने पैंतीस रोगियों को बचा लिया तथा 11 रोगियों को जलने से घायल हो गये थे। इस बीच मृतकों के परिजनों के आक्रंद देख दिल पसीज गया था। इस दौरान बचाव अभियान भी चल रहा था।
आग लगने पर भरूच पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। बी डिवीजन पुलिस स्टेशन के पीआई बीएम परमार ने कहा, "हममें से चार-पांच लोगों ने जीप से लाठियां निकाली और शीशा तोड़कर  अंदर प्रवेश किया।" जैसे-जैसे हमने लोगों को बाहर निकालना शुरू किया मरीजों ने चिल्लाया कि हम सभी कोरोना पीड़ित हैं। फिर भी हमने बचाव अभियान जारी रखा।