आईसोलेशन सेंटर में चिकित्सारत कोरोना पीड़ित इस बुजुर्ग दंपत्ति के पुत्र को कपूत निकले, जानें क्या किया

कहते हैं कि बेटे माता-पिता के लिए बच्चे वैसाखी के समान काम करते हैं। लेकिन कोरोना ने रिश्तो को भी तार-तार कर दिया है। सूरत के आइशोलेशन वॉर्ड में उपचार ले रहे माता पिता को बेटो ने आज तक एक फोन भी नहीं किया। सौराष्ट्र से सूरत आए एक माता को अपने बच्चों का कड़वा अनुभव हुआ है। 
माता पिता को अकेले बस में बैठाया
राजकोट से जसदन तहसील के 75 वर्षीय छगन भाई खोखारिया और उनकी 72 वर्षीय पत्नी गंगाबेन खोखारिया 27 अप्रैल को आइसोलेशन सेंटर में दाखिल हुए थे। वहां पर गांव में दो बेटे होने के बावजूद इस वृद्ध दंपति को बस में अकेले बैठा दिया और सूरत भेज दिए। सूरत में रहनेवाली विवाहिता बेटी की मदद से वह कतारगांव में स्थित आइसोलेशन सेंटर में दाखिल किए गए थे। जहां कि वह उपचाराधीन है लेकिन गांव में रहने वाले दोनों बेटों में से एक ने भी माता-पिता को फोन करके उनकी तबीयत तक नहीं पूछी। बच्चों के इस रवैया से माता बहुत दुखी है। इन दोनों कपूतो ने अपने माता-पिता को गांव में बनाएं घर में भी नहीं रखा। माता को ऑक्सीजन की जरूरत है। फिलहाल दोनों स्टेबल है। डॉक्टर का कहना है कि 3 दिन के बाद हम इन्हें छुट्टी देंगे। इनके दो बेटे है उन्होने कभी फोन नहीं किया।आइसोलेशन सेंटर के सदस्य ही इस वृद्ध दंपति का ख्याल रख रहे हैं।
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