मरीजों की सेवा करने के लिए लीव के दूसरे दिन ही हाजिर हुई एम्ब्युलेंस कर्मचारी

मरीजों की सेवा करने के लिए लीव के दूसरे दिन ही हाजिर हुई एम्ब्युलेंस कर्मचारी

महामारी की कठिन परिस्थिति में कर्तव्य परायणता का दिया अनोखा उदाहरण

देश भर में महामारी कोरोना ने कहर मचाया हुआ है। इस महामारी के बीच भी कुछ दिल दहला देने वाले मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसे खेड़ा जिले में एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की कर्तव्यनिष्ठा का एक महान उदाहरण सामने आया है। 
छपियाल की नीताबेन डाभी कोरोना में कठिन परिस्थिति के कारण अपना कर्तव्य निभाने के लिए मातृत्व अवकाश पूरा होने के दूसरे दिन से महेमदाबाद के हलदरवास क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस की ड्यूटी में शामिल हुई थीं। अपनी पुत्री को कोरोना का संक्रमण ना लगे इसलिए पिछले 1 महीने से वह उसे स्तनपान नहीं करवा रहे है। रात को जब 8 बजे वह ग़ार जाते है तो भी अपने बालक को दूर से ही खिला कर दूसरे रूम में जाकर आइसोलेट हो जाती है। 
(Photo : IANS)
ईएमटी नीता बेन की शादी अमरसिंह डाभि के साथ हुई थी, जो की एक किसान है। कोरोना के इस कठिन समय में अपनी मेटरनिटी लीव पूर्ण करके तुरंत ही वह अपनी ड्यूटी पर लग गई थी। बेटी को किसी भी तरह का संक्रमण ना लगे इसका वह पूरा ख्याल रखती है। कभी-कभी जब पुत्री की याद आती है तो वह वीडियो कॉल कर पुत्री को देख भी लेते है।