सूरत : वांकल में 'आदमखोर' बने कपिराज ने साधु, पुलिस समेत 40 लोगों को काटा
वांकल प्राथमिक उपचार केन्द्र में वैक्सीन भी पुरे हो चुंके, अब पिडित सूरत सिविल अस्पताल जाने के लिए मजबुर
सूरत जिले के वांकल गांव में कपिराज का आतंक सामने आया है। आदमखोर बन चुके कपिराज ने पिछले दो दिनों में 40 से अधिक लोगों को काट लिया है। अंबाजी माता मंदिर में सार्वजनिक रूप से स्नान कर रहे एक साधु की पीठ पर और एक पुलिस कांस्टेबल के पैर पर काट लिया। दोनों को इलाज के लिए 108 एम्बुलेंस से सूरत के सिविल अस्पताल ले जाया गया।
मथुरा से प्रभातफेरी के लिए आए 75 वर्षीय भगवानदास रामजीलाल पिछले 12 दिनों से वांकल में रह रहे हैं। आज सुबह भगवानदास अपने दोनों बच्चों के साथ अंबाजी माता के मंदिर के पास खुले में नहा रहे थे। तभी आदमखोर कपिराज ने उन पर हमला कर दिया और उनके पीट पर काट लिया। साधु ने हाथ में बाल्टी लेकर बंदर को भगाया बच्चों को बचाया।
इस बीच, जीआरटी मयूर जिनाभाई नामक एक कांस्टेबल भारत बंद के बंदोबस्त में थे, बंदर ने उन पर हमला किया और उनके पैर को काट लिया। इसलिए दोनों को वांकल में प्राथमिक उपचार देने के बाद 108 एम्बुलेंस से वैक्सीन और इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया।
पिछले कुछ दिनों से वांकल में कपिराज का आतंक बढ़ गया है, वन विभाग दिन भर डार्ट गन से कपिराज को बेहोश करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, कपिराज अभी तक उनके हाथ नहीं आया है। तब तक 40 लोगों को इस बंदर द्वारा काटा जा चुका है। इसलिए वांकल में वैक्सीन भी पूरी हो चुकी है, अब इस कपिराज के पीड़ितों को इलाज के लिए सूरत सिविल अस्पताल में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।