सूरत : श्रम विभाग कार्यालय पर जेबी ब्रदर्स डायमंड कंपनी के रत्नकलाकारों का धरना 

सूरत की जेबी ब्रदर्स डायमंड कंपनी के करीब 270 पूर्व कर्मचारियों ने ग्रेच्युटी के पैसे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया

सूरत : श्रम विभाग कार्यालय पर जेबी ब्रदर्स डायमंड कंपनी के रत्नकलाकारों का धरना 

सूरत के वराछा इलाके में स्थित जेबी ब्रदर्स हीरा कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने आज श्रम विभाग कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। हीरा उद्योग में मंदी के कारण कंपनी ने एक साल पहले 270 से अधिक कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया था। इस दौरान कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कंपनी की ओर से मिलने वाली ग्रेच्युटी का पैसा नहीं मिला है। इसे तत्काल दिलाने के लिए पूर्व कर्मचारियों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है।

सूरत का हीरा उद्योग पहले भी बड़ी मंदी से गुजर चुका है और अभी भी मंदी का सामना कर रहा है जब हीरा उद्योग और कंपनियों ने अतीत में रत्न कलाकारों को नौकरी से निकाल दिया है। इसी तरह करीब एक साल पहले वराछा इलाके में जेबी ब्रदर्स हीरा कंपनी ने मंदी के चलते अपनी कंपनी में काम करने वाले करीब 270 रत्न कलाकारों को अचानक नौकरी से निकाल दिया था। आरोप है कि इन सभी बर्खास्त कर्मचारियों को कंपनी की ओर से मिलने वाली ग्रेच्युटी समेत अन्य लाभ की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके चलते इन कर्मचारियों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है।

जेबी ब्रदर्स डायमंड कंपनी द्वारा अपनी कंपनी में काम कर रहे पुराने कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकालने का निर्णय लिया था। जब कंपनी ने मंदी के कारण 10, 15, 20 और 25 साल से अधिक समय से रत्नकलाकार के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकालने का फैसला किया।  सरकारी नियम के अनुसार, सभी कर्मचारी ने 5 साल से अधिक समय से उसी कंपनी में काम करने के लिए ग्रेच्युटी राशि के हकदार थे। लेकिन इस राशि का एक भी कर्मचारी को कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया है।

रत्ना कलाकारों की बर्खास्तगी के बाद एक साल बीत जाने के बाद भी सभी पूर्व कर्मचारियों को उनकी वाजिब ग्रेच्युटी नहीं मिल पाई है और आखिरकार सभी पूर्व कर्मचारी नाराज होकर आज धरना पर चले गए। अपने हक के लिए 270 ज्वैलर्स ने धरना दिया और आंदोलन का रास्ता अपनाया। पिछले काफी समय से रत्नकलाकार कंपनी से अपने हक का पैसा मांग रहे हैं। आखिरकार पैसा नहीं मिलने पर उन्होंने आंदोलन का रास्ता चुना है।

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