मोदी सरकार में पद्म पुरस्कार योग्य व्यक्तियों को देने की शुरुआत हुई: अमित शाह

केन्द्रीय गृहमंत्री जूनागढ़ में दिव्यकांत नाणावटी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित 'स्मृति पर्व' कार्यक्रम में शामिल हुए

मोदी सरकार में पद्म पुरस्कार योग्य व्यक्तियों को देने की शुरुआत हुई: अमित शाह

जूनागढ़, 2 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के योग्य व्यक्ति को पद्म पुरस्कार मिले, इसकी पूरी व्यवस्था खड़ी करने का काम किया। जब नरेन्द्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने भीखुदान के योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।

गुजरात के जूनागढ़ में शनिवार को दिव्यकांत नाणावटी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित 'स्मृति पर्व' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भीखुदान गढ़वी ने गुजरात और सौराष्ट्र की कला को पुरानी पीढ़ी से नई पीढ़ी तक पहुंचाने का काम किया है। शाह ने भीखुदान गढवी को काग बापू की पीढ़ी और आज के साहित्यकारों की पीढ़ी के बीच का सेतु बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यकांत नाणावटी उन लोगों में से हैं जो समाज के लिए जीते हैं और दूसरों के लिए कुछ करते हैं।

उन्होंने कहा कि रूपायतन संस्था ने आज एक ऐसी पुस्तक का प्रकाशन किया है जो नई पीढ़ी के नेताओं को निश्चित रूप से मार्गदर्शन देने वाली सिद्ध होगी। रूपायतन संस्था लगभग 75 साल से सामाजिक जीवन के विभिन्न आयामों पर बहुत अच्छा काम कर रही है। केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अगर कोई 100 सालों के बाद भी याद करता है तो इसका अर्थ है कि उस व्यक्ति का जीवन सार्थक रहा है। दिव्यकांत लगातार दो बार विधायक बने और गुजरात के कानून और न्याय मंत्री भी रहे। उन्होंने ना सिर्फ जूनागढ़ बल्कि गुजरात के सार्वजनिक जीवन में भी अनेक प्रकार के योगदान दिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भक्ति साहित्य की श्रेष्ठतम विभूति नरसिंह मेहता ने अपना पूरा जीवन साहित्य को समर्पित कर दिया और उनके जैसा उत्कृष्ट साहित्यकार मिलना असंभव है। नरसिंह मेहता ने वेदों और उपनिषदों का सारा रहस्य, संक्षिप्त तरीके से और आसान भाषा में लोगों के सामने रखा। उस जमाने में अस्पृश्यता का विरोध करने की हिम्मत सिर्फ नरसिंह मेहता ही कर सकते थे। अगर सामाजिक न्याय के बारे में जानना है तो एक बार नरसिंह मेहता को समझना होगा। उन्होंने कहा कि नरसिंह मेहता की इस पावन भूमि पर रूपायतन संस्था ने इस भूमि के पुत्र दिव्यकांत की स्मृति में पुस्तक प्रकाशित की है, जो निश्चित रूप से जूनागढ़ और गुजरात के सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले लोगो के लिए एक प्रेरणा बनेगी।