सूरत : फाफड़ा-जलेबी के लिए लंबी कतारें, दशहरे पर 20 करोड़ की बिक्री का अनुमान
सूरत में प्रति किलो कीमत 400 रुपए, 5 लाख किलो से ज्यादा बिकेगी फाफड़ा-जलेबी
सुरतिलाला हर शुभ अवसर और त्यौहार पर अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाते हैं। इसी तरह दशहरे के दिन भी सुरतिलाल फाफड़ा और जलेबी का आनंद लेते हैं। सूरती दशहरे के दिन तडके 4 बजे से ही दुकानों के बाहर कतार में खड़े हो गए। इस साल एक ही दिन में 5 लाख किलो से ज्यादा फाफड़ा-जलेबी का औसतन 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 20 करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान है।
सुबह से ही लोग फाफड़ा और जलेबी खरीदने के लिए लाइन में लगे दिखे। दशहरे के दिन अलग-अलग इलाकों में फाफड़ा और जलेबी की फरसाण दुकानों के बाहर सूरतियों की कतार सालों से इसी तरह लगी रहती है। फरसाण की दुकानों पर देर रात तक फाफड़ा और जलेबी बनाई जाती है। छोटे-बड़े सभी लोग आज दशहरा मनाते नजर आ रहे हैं।
फाफड़ा-जलेबी की कीमत इस साल मामुली बढ़त की गई है। शहर में छोटी बड़ी करीब 5 हजार दुकानें हैं, जिनमें से औसतन 50-50 किलो फाफड़ा-जलेबी बिक जाएगी। शहर की अनुमानित आबादी 65 लाख में विशेषकर 20 लाख मूल सूरती, से सौराष्ट्र निवासियों के बीच दशहरे पर फाफड़ा-जलेबी खाने की परंपरा देखी जाती है। इस बार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने से फरसाण की कीमतें भी नहीं बढ़ीं। फाफड़ा और जलेबी की कीमतों में भी मामूली बढ़ोतरी देखी जा रही है।