सूरत : खाड़ी बाढ़ के पानी में फंसी गर्भवती महिला को नाव से अस्पताल पहुंचाया गया

तीन दिनों से जलमग्न गीतानगर में नगर निगम नदारद, दमकल विभाग ने निभाई जिम्मेदारी

सूरत : खाड़ी बाढ़ के पानी में फंसी गर्भवती महिला को नाव से अस्पताल पहुंचाया गया

सूरत। शहर के गीतानगर इलाके में गुरुवार, 26 जून को एक 8 महीने की गर्भवती महिला को तीन से चार फीट गहरे बाढ़ के पानी से नाव की मदद से सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया। यह घटना नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था की गंभीर विफलता को उजागर करती है।

सूरत में 24 जून, मंगलवार से ही खाड़ी की बाढ़ का पानी कई इलाकों में जमा है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। गीतानगर, व्रजभूमि और आसपास के क्षेत्रों में लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में गौरीबेन शर्मा, जो आठ महीने की गर्भवती हैं, की गुरुवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई और उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।

गहरे पानी के चलते उन्हें सामान्य रास्ते से अस्पताल ले जाना संभव नहीं था। स्थिति की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग की टीम नाव लेकर मौके पर पहुंची। जलमग्न क्षेत्र में नाव के जरिए गौरीबेन को सावधानीपूर्वक निकाला गया और पर्वत पाटिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार फिलहाल उनकी हालत स्थिर और सामान्य है।

स्थानीय निवासी और गौरीबेन के पति संदीप शर्मा, जो कपड़ा बाजार में कार्यरत हैं, ने दमकल विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “अगर समय पर मदद नहीं मिलती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।” उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी अब खतरे से बाहर हैं।

वहीं अन्य स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई। लोगों का कहना है कि तीन दिन से पानी जमा है, परंतु नगर निगम ने जल निकासी की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं की। व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और नागरिकों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बाढ़ जैसी स्थितियों में अगर राहत और बचाव कार्य दमकल विभाग जैसे सीमित संसाधन वाले विभागों के भरोसे रहेगा, तो आने वाले समय में स्थिति और भी भयावह हो सकती है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि नगर निगम को तुरंत कार्रवाई कर जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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