राजकोट : मिठाई खाने से पहले सावधान! 5 टन अखाद्य मावा पकड़ा गया
स्वास्थ्य विभाग की जांच में पता चला कि यह यूनिट सीताराम डेयरी फार्म का कोल्ड स्टोरेज है
राजकोट नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने दिवाली और नवरात्रि के त्योहार से पहले मावा का अखाद्य मात्रा जब्त किया है। शहर के मोरबी रोड स्थित सीताराम डेयरी के भंडार से साढ़े चार टन मिलावटी मावा जब्त किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह अखाद्य मावा लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालकर बाजार में बहुतायत में बेची जा रही थी।
राजकोट नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली कि मोरबी रोड पर कोल्ड स्टोरेज में बड़ी मात्रा में अखाद्य मीठा मावा पड़ा हुआ है। जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच की। जहां से साढ़े चार टन अखाद्य मीठा मावा बरामद हुआ है। इस मीठे मावा का उपयोग विभिन्न मिठाइयां बनाने में किया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग की जांच में पता चला कि यह यूनिट सीताराम डेयरी फार्म का कोल्ड स्टोरेज है। यहां यह मीठा मावा तैयार कर अलग-अलग कैटरर्स और अलग-अलग डेयरी फार्मों में वितरित की जाती है, यहीं नहीं बल्कि यहां से तैयार मिठाइयां बेची भी जाती हैं।
किस तरह बनाई जाती है नकली मावा?
मीठा मावा का इस्तेमाल हर मिठाई को बनाने में किया जाता है। जिससे नवरात्रि और दिवाली में अलग-अलग तरह की मिठाइयाँ बनानी हों तो यह मावा खरीदा जाता है और इसमें फ्लेवर और अन्य सूखे मेवे डालकर मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। आमतौर पर मीठा मावा बनाते समय चीनी और दूध का उपयोग किया जाता है और मिठाई का बेस तैयार किया जाता है, लेकिन इस मीठे मावा में वनस्पति तेल, दूध पाउडर का उपयोग किया जाता है। इसलिए जिस मिठाई को हम दूध मान रहे हैं उसमें दूध नहीं है। इतना ही नहीं, फूड एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत जब भी कोई मिठाई बनाई जाती है तो उसके निर्माण और समाप्ति तिथि के बारे में नोट होना आवश्यक है, लेकिन इस इकाई में ऐसा कोई उल्लेख नहीं था।
सेहत के लिए कितना हानिकारक?
फुड अधिकारी के मुताबिक इस तरह की मिठाई खाने से फूड प्वाइजनिंग की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा पेट और आंतों के रोग होने की पूरी संभावना रहती है, इतना ही नहीं हृदय रोग भी हो सकता है। फिलहाल राजकोट नगर निगम के अधिकारियों ने इस इकाई से जब्त की गई मिठाइयों की मात्रा को नष्ट कर दिया है और मिठाइयों के नमूने जांच के लिए वडोदरा स्थित खाद्य प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं।
मिठाई के शौकीनों के लिए यह मामला खतरे की घंटी की तरह है। सस्ते और स्वाद वाली मिठाइयां खरीदने से पहले सावधान रहें और इस बात की खास जानकारी लें कि मिठाई किसके यहां और कब बनी है क्योंकि हमें अपनी सेहत की चिंता जरुर करनी है।