गुजरात : भरूच में संकट के समय प्रशासन को एआई तकनीक का सपोर्ट मिलेगा

नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ने से 8 घंटे पहले दी जाएगी चेतावनी 

गुजरात : भरूच में संकट के समय प्रशासन को एआई तकनीक का सपोर्ट मिलेगा

 भरूच में प्रशासन एआई तकनीक की मदद से आपात स्थितियों से निपटेगा। भरूच जिला प्रशासन द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक विकसित की गई है। यह तकनीक राज्य की सबसे बड़ी नदी नर्मदा में औद्योगिक दुर्घटना और जल स्तर बढ़ने की स्थिति में प्रशासन और स्थानीय लोगों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सचेत करेगी। 

भरूच के जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा  ने कहा कि यह तकनीक देश की किसी बड़ी आईटी कंपनी की नहीं है, बल्कि यह स्टार्टअप को अवसर और प्रोत्साहन देने का भी एक प्रयास है, जिसमें बड़ी सफलता मिली है। यह सिस्टम जलस्तर बढ़ने से 8 घंटे पहले स्थानीय लोगों को अलर्ट करेगा। फिलहाल भरूच के अलर्ट सिस्टम पर तब ध्यान दिया जा रहा है, जब अरब सागर में 'बिपरजॉय' तूफान की आशंका के चलते सिस्टम अलर्ट पर है।

2001 में आए भूकंप में भरूच का सायरन अलर्ट सिस्टम नष्ट हो गया था

वर्षों पहले, भरूच के कोट क्षेत्र में ऐतिहासिक विक्टोरिया टॉवर के ऊपर एक जलपरी स्थापित की गई थी, जिसने भरूच में संभावित हमलों और नर्मदा की बाढ़ के बारे में लोगों को चेतावनी देती थी। 2001 में आए भूकंप में टावर ढह गया और चेतावनी प्रणाली भी नष्ट हो गई। इसके बाद वह तकनीक की मदद से एसएमएस, सोशल मीडिया और सरकारी वाहनों के जरिए घोषणाओं के जरिए लोगों को सतर्क रखने की कोशिश कर रहा था। भरूच जिला कलेक्टर ने इस मैनुअल सिस्टम को हटाकर तकनीक के साथ कदम मिलाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक विकसित की है। यह व्यवस्था आपात स्थितियों से निपटने के लिए सरकारी तंत्र को मजबूत करेगी।

संकट से लड़ने नहीं बल्कि संकट से बचने का प्रयास हमारा लक्ष्य : तुषार सुमेरा

भरूच के जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा ने कहा कि संकट से लड़ना और कदम उठाने से बहेतर संकट से बचने के उपाय करना महत्वपूर्ण है। ई-रेवा एप को तंत्र ने तैयार किया है। यह ऐप इंडस्ट्रीज के खतरनाक केमिकल्स, इनकी मात्रा और संकट के समय इनका समाधान क्या है? इसकी जानकारी स्टोर करेगा। दूसरे पहलू पर नजर डालें तो भरूच को हर साल नर्मदा की बाढ़ का खतरा झेलना पड़ता है। इसके लिए नर्मदा नदी में अलग-अलग प्वाइंट पर सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर से रियल टाइम डाटा उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके आधार पर स्थानीय लोगों को संभावित बाढ़ की सूचना 8 घंटे पहले मिल जाएगी।

इस सिस्टम के तहत भरूच के पास नर्मदा नदी के किनारे और नर्मदा नदी में वाटर लेवल सेंसर और सायरन का नेटवर्क तैयार किया गया है। नर्मदा का जलस्तर बढ़ने पर यह सेंसर एप अधिकारियों को अलर्ट करेगा। अधिकारी जल स्तर की स्थिति के आधार पर जोखिम का अनुमान लगाने के बाद कार्य योजना का पालन करेंगे और स्थानीय लोगों को जान-माल के नुकसान से बचाएंगे।

गुजरात में इस समय चक्रवात को लेकर सिस्टम अलर्ट है

अरब सागर में 'बिपरजॉय' (Biparjoy) तूफान को लेकर प्रसासन अलर्ट पर है। जिसमें गुजरात के कई बंदरगाहों पर सिग्नल नंबर 1 और 2 लगाए गए हैं। साथ ही मछुआरों को भी समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। तूफान की वजह से प्रदेश के कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना है। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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