सूरत : 'मिस्टी प्रोजेक्ट' के तहत  समुद्र तट के संरक्षण और संवर्धन के लिए 100 हेक्टेयर मैंग्रोव वनस्पति की खेती की जाएगी

तटीय क्षेत्रों में भारी मात्रा में मेंग्रोव का वृक्षारोपण किया जायेगा

सूरत : 'मिस्टी प्रोजेक्ट' के तहत  समुद्र तट के संरक्षण और संवर्धन के लिए 100 हेक्टेयर मैंग्रोव वनस्पति की खेती की जाएगी

 'मिस्टी' परियोजना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू की जाएगी

गुजरात में 1600 किमी लंबी तटरेखा है और सरकार इस तटरेखा की रक्षा और मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए मैंग्रोव वनस्पति लगाएगी। यह 'मिस्टी' परियोजना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू की जाएगी। और इस परियोजना के तहत तटीय क्षेत्र में मैंग्रोव वनस्पति उगाई जाएगी, सूरत में दो हेक्टेयर दांडी, केडियाबेट, डभारी और जिनी में मैंग्रोव बोया जाएगा। लगभग 100 हेक्टेयर मेंग्रोव रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

'मिस्टी' नाम सुनकर आपको लग सकता है कि यह किसी मिठाई का नाम है लेकिन यह मिस्टी हाई टाइड सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भारत के तटीय इलाकों की रक्षा करेगी। 5 जून से अगले पांच वर्षों में देश के 11 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में मेंग्रोव के वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा। तटीय राज्यों के लिए 'मिस्टी' परियोजना के तहत मैंग्रोव लगाए जाएंगे। 'मिस्टी' परियोजना आने वाले वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं और सुनामी से सुरक्षा प्रदान करेगी।

मिस्टी' का अर्थ है (मैंग्रोव इन्वेंटिव फॉर शोरलाइन हैबिटेट एंड टैंजिबल इनकम)। सुनामी और प्राकृतिक आपदा से बड़ा नुकसान न हो, इसके लिए तटीय इलाकों से जुड़े देश के सभी राज्यों के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है और इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में मैंग्रोव लगाने की शुरुआत करेंगे।

सूरत वन विभाग के डीसीएफ आनंद कुमार ने कहा कि तटीय क्षेत्रों को प्राकृतिक आपदाओं और सुनामी जैसी आपदाओं से बचाने के लिए मैंग्रोव लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मिस्टी' अभियान के तहत 5 जून को सूरत जिले के ओलपाड में बुआई की जाएगी। मैंग्रोव प्रजातियाँ सूरत के समुद्री तट पर पाई जाती हैं।

इस परियोजना के लिए सूरत वन विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। दांडी केडियाबेट, जिनी और तटों के नीचे दो हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव बोए जाएंगे। सूरत शहर की तो आने वाले दिनों में हजीरा से हांसोट तक समुद्र तट के किनारे 1000 हेक्टेयर में मैंग्रोव साम्राज्य देखने को मिलेगा। पौधे की ख़ासियत यह है कि यह खारे और मीठे पानी में उगता है, यानी जहाँ भी समुद्र और नदी होती है, वहाँ संगम पर ही उगता है। ये पौधे सूनामी और अन्य समुद्री प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

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