सूरत : दीवाली के बाद हीरा बुर्स (एसडीबी) की ओप‌निंग होगी 

अब 21 नवंबर को होगा सूरत डायमंड बुर्स का शुभारंभ

सूरत : दीवाली के बाद हीरा बुर्स (एसडीबी) की ओप‌निंग होगी 

मुंबई से निकलकर सूरत में  हीरा कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए बिछाई रेड कार्पेट

सूरत डायमंड बुर्स (एसडीबी) का अब  21 नवंबर 2023 से शुभारंभ होने की नई तारीख सामने आई है। मुंबई के कारोबारियों को आकर्षित करने के लिए ऑफर दिए गए हैं। बुर्स के प्रथम चरण में, जो सदस्य मुंबई कार्यालय को पूरी तरह से बंद कर देगा और  एसडीबी से हीरा व्यापार शुरू कर देगा, उसका नाम उन प्रमुख सदस्यों की पहली सूची में लिखा जाएगा जिन्होंने बुर्स में हीरा व्यापार शुरू किया है। पहली सूची जीवनपर्यंत एसडीबी के मुख्य स्वागत क्षेत्र में रखी जाएगी और इस सदस्य को 1 वर्ष के रखरखाव में 100 प्रतिशत राहत दी जाएगी।

21 नवंबर से सूरत में कार्यालय का उद्घाटन करेंगे

जबकि फेज-2 में जो सदस्य 21 नवंबर 23 से 21 मई 2024 तक मुंबई में कार्यालय बंद कर सूरत आएंगे, उनका नाम दूसरी सूची में स्वागत क्षेत्र में रखा जाएगा। उन्हें छह माह तक शत-प्रतिशत रखरखाव से राहत दी जाएगी। यह निर्णय कल की समिति की बैठक में लिया गया है।​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​ ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​जिससे कि वह 21 नवंबर से अपने मुंबई स्थित पॉलिश बिक्री कारोबार को पूरी तरह से बंद कर सूरत में कार्यालय का उद्घाटन करेगी। सूरत बुर्स में 5.55 लाख वर्ग फुट का आंतरिक कार्य पूरा होने के करीब है। डायमंड एक्सचेंज शुरू होते ही सूरत से हीरों का निर्यात-आयात शुरू हो जाएगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज का उद्घाटन करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है।

हीराबुर्स में 5.55 लाख वर्ग फुट का आंतरिक कार्य पूरा होने वाला है

मथुर सवानी ने कहा कि भवन के उद्घाटन से पहले यहां से कारोबारी गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। 4500 दफ्तरों की चहल-पहल से सूरत से शुरू होगा डेढ़ लाख करोड़ का कारोबार। हीराबुर्स से लगभग 1900 करोड़ का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह भी बढ़ेगा। यहां का ज्वेलरी मॉल भी महिलाओं के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

यह देश का सबसे बड़ा समाशोधन गृह होगा

मथुरभाई सवानी कहते हैं कि आप इस मॉल में अपॉइंटमेंट लेकर ही प्रवेश कर सकते हैं। वहीं, 65 हजार वर्ग फुट का कस्टम क्लियरिंग हाउस भी है। जो देश का सबसे बड़ा क्लियरिंग हाउस होगा। अब तक साढ़े पांच लाख वर्गफीट से अधिक के दफ्तरों के इंटीरियर का काम पूरा हो चुका है। बेशक, सब कुछ सुचारू रूप से चलने के साथ, इस परियोजना के सामने दो सबसे बड़ी चिंताएँ हैं। एक यह है कि सीमा शुल्क निकासी के लिए मंजूरी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। और दूसरी बात सूरत कस्टम अधिकारियों की सुस्ती के चलते काम ठप पड़ा है वहीं एयर कनेक्टिविटी भी सबसे बड़ी समस्या है।

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