सूरत :  बिजली कंपनी परीक्षा घोटाले का तार अरावली पहुंचा, क्राइम ब्रांच ने चार और लोगों को किया गिरफ्तार

इन सभी आरोपियों ने 250 से 300 अभ्यर्थियों को कदाचार परीक्षा में पास कराया

सूरत :  बिजली कंपनी परीक्षा घोटाले का तार अरावली पहुंचा, क्राइम ब्रांच ने चार और लोगों को किया गिरफ्तार

इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों से हुई पूछताछ में 4 और आरोपियों के नाम सामने आए थे

बिजली कंपनी के ऑनलाइन परीक्षा घोटाले के मामले में क्राइम ब्रांच ने अरावली से 3 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक सेवानिवृत्त अधिकारी और एक शिक्षक समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। सूरत क्राइम ब्रांच ने वडोदरा के निशिकांत शशिकांत सिन्हा, साबरकांठा के सलीम निजामुद्दीन धापा, मनोज मकवाना समेत निकुंज परमार को गिरफ्तार किया है। पूर्व में गिरफ्तार भास्कर चौधरी व भरत सिंह झाला सहित आरोपियों से पूछताछ में 4 और आरोपियों के नाम सामने आया। इस घटना में 50 और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है। मालूम हो कि घटना से जुड़े बड़े सरगना भूमिगत हो गए हैं।

कोर्ट में पेश कर 29 मई तक रिमांड पर लिया

क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए 4 और आरोपियों सहित इन सभी आरोपियों ने 250 से 300 उम्मीदवारों को कदाचार से परीक्षा में पास कराया। सूरत क्राइम ब्रांच ने 4 और आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर 29 मई तक रिमांड पर लिया है। आरोपी ने प्रति अभ्यर्थी 8 से 10 लाख रुपए तय किए। सारी रकम परीक्षा केंद्र के मालिक, लैब इंचार्ज सहित सभी एजेंट, बिचौलिए के बीच बांटी गई। सलीम, मनोज और निकुंज प्रमुख एजेंट की भूमिका में थे।

इस इवेंट में 50 और नामों के सामने आने की संभावना है

आरोपी सलीम धापा शिक्षक का काम करता है। शिक्षक सलीम ने कदाचार से 30 परीक्षार्थियों को पास किया है। जबकि आरोपी मनोज मकवाना ने डिप्लोमा इलेक्ट्रिक की पढ़ाई की है। इसके अलावा आरोपी निकुंज परमार ई-गुजकोप का मुखबिर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। आरोपी प्रति परीक्षा आठ से दस लाख रुपए लेकर इंद्रवदन परमार को देता था। सूरत क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने आर्थिक लाभ उठाया और गिरि अचारी पास करने के बाद परीक्षार्थियों को नौकरी दी। इस इवेंट में 50 और नामों के सामने आने की संभावना है।

 

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