वडोदरा : राजकोट, जूनागढ़ की तरह वडोदरा में भी विपक्ष से वापस ली जाएंगी सुविधाएं?

वडोदरा में भी कांग्रेस के पास 10 फीसदी सीटें नहीं

वडोदरा : राजकोट, जूनागढ़ की तरह वडोदरा में भी विपक्ष से वापस ली जाएंगी सुविधाएं?

जूनागढ़ और राजकोट नगर निगमों से विपक्ष की सुविधा वापस ले लिए गए हैं। चूंकि कांग्रेस को 10 फीसदी सीटें नहीं मिलीं, इसलिए उन्हें सुविधाएं देने का कोई मतलब नहीं है। अब यह सवाल उठ रहा है कि वडोदरा निगम से विपक्ष को दिए गए विशेषाधिकार वापस लिए जाएंगे या नहीं, यह सार्वजनिक बहस का विषय बन गया है। क्योंकि संविधान के मुताबिक वडोदरा में भी कांग्रेस के पास 10 फीसदी सीटें नहीं हैं।

हाल ही में, जूनागढ़ नगर निगम के सामान्य बोर्ड में बहुमति के बल पर शासकों ने विपक्षी दल की स्थिति और उन्हें प्रदान की जाने वाली जैसे कार्यालय,कर्मचारी, वाहन आदि सहित सभी सुविधाएं स्थगित करने का निर्णय लिया, क्योंकि विपक्षी दल में बहुमत नहीं था। राजकोट नगर निगम में कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष का पद छीन लिया गया है। वडोदरा में विपक्ष को कोई कार अलॉट नहीं की गई है। लेकिन विपक्ष को कार्यालय, कर्मचारी, पी.ए. सहित सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 

राजकोट और जूनागढ़ में विपक्ष से सुविधा वापस लेने के बाद अब वडोदरा में भी राजकोट और जूनागढ़वाली स्थिति बनती जा रही है। गौरतलब है कि जूनागढ़ की 60 में से 03, राजकोट की 72 में से 02 और वडोदरा की 76 में से 07 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। अगर संवैधानिक नियमों के मुताबिक 10 फीसदी सीटों की बात करें तो वडोदरा में कांग्रेस के पास 8 सीटें होनी चाहिए। लिहाजा 7 सीटें होने के कारण वडोदरा निगम से भी कांग्रेस की सुविधा बंद करने की चर्चा हो रही है। उल्लेखनीय है कि वड़ोदरा नगर निगम में शासक पक्ष नेता व एवं दंडक तथा विपक्ष के नेता व दंडक का कोई संवैधानिक पद नहीं है।

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