वडोदरा : एमएसयू में अस्थाई कर्मचारियों की हड़ताल, कार्रवाई की धमकी से संख्या घटाई

रजिस्ट्रार बोले स्थायी करने का अधिकार हमारे पास नहीं

वडोदरा : एमएसयू में अस्थाई कर्मचारियों की हड़ताल, कार्रवाई की धमकी से संख्या घटाई

एमएस विवि के रजिस्ट्रार द्वारा अस्थाई कर्मचारियों के धरने को अवैध घोषित कर कार्रवाई की धमकी देने के बाद भी अस्थाई कर्मचारियों ने गुरुवार को विवि मुख्यालय पर धरना दिया और रैली का आह्वान किया। हालांकि, रजिस्ट्रार के कार्रवाई की धमकी के कारण धरने में भाग लेने वाले कर्मचारियों की संख्या अपेक्षा से कम थी। अस्थायी कर्मचारी संघ ने दावा किया कि लगभग 800 कर्मचारी धरने में शामिल होंगे, लेकिन इसके बजाय लगभग 100 कर्मचारी धरने में शामिल हुए। शिक्षक संघ बूटा के अग्रणी व तकनीकी संकाय के प्रोफेसर निकुल पटेल इन कर्मचारियों के समर्थन में धरने पर बैठे थे।

हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों को मुख्यालय के मुख्य द्वार के सामने धरना देने की अनुमति नहीं दी। कार्यकर्ताओं ने गेट के सामने बैठने की योजना बनाई थी लेकिन विजिलेंस ने उन्हें वहां से जाने को मजबूर कर दिया। विजिलेंस ने वहां बिछे कालीन को भी हटा दिया। उसके बाद कर्मचारियों को एनसीसी कार्यालय के पास धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा, जो मुख्यालय से थोड़ी दूर है।

उधर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. चुडासमा ने कहा कि विश्वविद्यालय एक सरकारी संस्थान है और अस्थायी कर्मचारियों को स्थाई करने का अधिकार विश्वविद्यालय के पास नहीं है। कर्मचारी भी यह अच्छी तरह जानते हैं। इन कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए हमने सरकार के आदेश के बाद भी आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की भर्ती का नियम अभी तक लागू नहीं किया है। पिछले साल जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था तो विश्वविद्यालय ने उन्हें वेतन वृद्धि दी थी, लेकिन अस्थाई कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। इसके चलते यदि विश्वविद्यालय के प्रशासन या अकादमिक प्रदर्शन में कोई बाधा आती है तो इसकी जिम्मेदारी इन्हीं कर्मचारियों की होगी और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। 

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