पुलिस की मुस्तैदी से बच गई सत्यम व अतुल की जान, दोनों अपहृतों को पुलिस ने भीड़ से सुरक्षित निकाला

पुलिस की मुस्तैदी से बच गई सत्यम व अतुल की जान, दोनों अपहृतों को पुलिस ने भीड़ से सुरक्षित निकाला

खण्डवा/भोपाल, 17 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के खण्डवा का यह दृश्य है जहां एक रेस्तरां में एक शिक्षक और युवक के साथ एक छात्रा अपने जन्मदिन की योजना बनाने पहुंची। छात्रा इनके साथ जूस पी रही होती है, तभी वहां विशेष समुदाय से जुड़े लोगों की भीड़ आती है और बिना बातचीत किए दोनों युवकों और छात्रा को पीटने लगती है। भीड़ इन दोनों युवकों को उठाकर (अपहरण कर) एक विशेष क्षेत्र में ले गई, जहां इनकी पिटाई की जा रही थी। इसी दौरान किसी ने फोन पर पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी दी, पुलिस पूरी तत्परता से उस स्थान पर पहुंच गई और दोनों युवकों की जान बचा सुरक्षित ले आई।

बनाया गया थाने को निशाना

खण्डवा के आनंदनगर स्थित रेस्टोरेंट में रविवार दोपहर घटी इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी समुदाय विशेष का मन नहीं भरा और दोनों युवकों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने रात को थाने पहुंच गए। थाने में जब इनकी झूठी रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया गया तो इस विशेष समुदाय लोगों ने पुलिस थाने को भी निशाना बनाते हुए पथराव किया। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा।

मुंह पर कपड़ा बांध कर आई थी लोगों की भीड़

दरअसल, विवाद शहर के आनंदनगर स्थित एक रेस्टोरेंट में नाबालिग छात्रा के अपने शिक्षक और एक युवक के साथ बैठकर जूस पीते हुए अपने जन्मदिन की योजना बनाते समय शुरू होता है। इस संबंध में रेस्तरां के प्रत्यक्षदर्शियों, पीड़ित युवकों और पुलिस की ओर से बताया गया कि रविवार दोपहर लगभग तीन बजे‎ आनंदनगर स्थित एक कैफे में 10वीं की‎ छात्रा माता चौक पर रहने वाले अपने टीचर सत्यम‎ कुमार वर्मा और एक परिचित अतुल यादव के साथ रेस्टोरेंट‎ में जूस पी रही थी। तभी समुदाय विशेष के कुछ लोग मुंह पर कपड़ा बांध कर वहां‎ पहुंचे।

पुलिस की अत्यधिक सक्रियता से बची दोनों युवकों की जान

हमलावरों ने पहले छात्रा का नाम-पता पूछकर रेस्तरां में बैठने का कारण पूछा। उसने बताया कि‎ इनमें से एक हमारे टीचर हैं, दूसरे परिचित हैं, लेकिन भीड़ कुछ सुनने को तैयार नहीं हुई। ये लोग दोनों युवकों को बुरी तरह मारने लगे, इस भीड़ ने छात्रा को भी पीटा। वे सत्यम और अतुल का अपहरण कर खानशाहवली विशेष इलाके में ले गए, जहां इनकी पिटाई की जा रही थी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों को छुड़ा कर‎ उनकी जान बचाई। फिर मोघट पुलिस ने इस प्रकरण में‎ अपहरण और मारपीट के दो‎ एफआइआर दर्ज कीं। थाने पहुंची भीड़ सत्यम और अतुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का दबाव बना रही थी।

यहीं से फिर पूरे मामले ने नया मोड़ पकड़ा। रात होने का इंतजार किया गया, फिर जैसे ही रात हुई देखते ही देखते विशेष समुदाय की भीड़ ने थाना घेर लिया। भीड़ का नेतृत्व कर रहा कहारवाड़ी वार्ड पार्षद अशफाक सीगड़ रात्रि करीब 11 बजे 17 वर्षीय किशोरी के साथ मोघट थाने पहुंचा था। उसका कहना था कि किशोरी की तरफ से फिर से केस दर्ज किया जाए। पुलिस उसकी तरह से एफआईआर सत्यम और अतुल के खिलाफ दर्ज करे, जिसके लिए पुलिस ने साफ मना कर दिया कि जब उनकी कोई गलती ही नहीं, तो प्रकरण क्यों दर्ज किया जाएगा।

इस मुस्लिम भीड़ ने फिर पुलिस से कहा कि दोपहर छात्रा‎ पर दबाव बनाकर एकतरफा एफआईआर करवाई‎ गई है। दोबारा रिपोर्ट लिखो। पुलिस ने‎ समझाइश देने की बहुत कोशिश की। तभी पार्षद‎ समर्थकों ने थाने पर पथराव शुरू कर दिया। अंतत: हंगामा करती भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और फिर भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। थाना‎ परिसर में भी पत्थर फेंके जाने की जानकारी मिलते ही एसपी सत्येंद्र‎ कुमार शुक्ल भी तुरन्त थाने पहुंचे।

इसी बीच खण्डवा शहर के गांधीनगर में‎ पथराव होने लगा। सूचना पर बिना देर किए पुलिस फोर्स गांधीनगर‎ पहुंची और हालात काबू में किया गया।

वहीं, पीड़ित शिक्षक सत्यम कुमार ने उन्हें बताया कि जिस छात्रा के साथ वे रेस्तरां में बैठे थे वह उनकी विद्यार्थी है। उसका‎ जन्मदिन आने वाला है, फिर वह जैसा कि पता चला कि आगे की पढ़ाई के लिए कुछ‎ दिन बाद छात्रा मुंबई जाने वाली है, इसलिए उसके जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ उसे मनाने की योजना बनाने के लिए हम रेस्टोरेंट में‎ बैठे थे और जूस पी रहे थे, लेकिन हमें मारने आई भीड़ ने हमारी कोई बात नहीं सुनी। हमने कहा भी कि आप लोग गलत समझ रहे हो, पर वे मारने लगे। विशेष समुदाय के ये लोग हम तीनों को बुरी तरह मारते रहे, फिर ये सभी पीटते-पीटते हमें रेस्तरां से रोड तक‎ ले आए। इसके बाद हमारा अपहरण कर लिया गया।‎ सीसीटीवी फुटेज में ये भीड़ मुंह पर कपड़ा बांध कर मारपीट करती नजर भी आ रही है ।

खण्डवा नगर निगम क्षेत्र में लगी धारा 144

इस पूरे प्रकरण में जिलाधीश अनूप कुमार सिंह का कहना है कि विवाद-प्रकरण और संपूर्ण घटना की गंभीरता को देखते हुए खण्डवा नगर निगम क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है। मामले में पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि दोपहर में रेस्तरां की घटना को लेकर पीड़िता अपने‎ बयान पहले से ही दर्ज करवा‎ चुकी थी। इसके बाद भी कुछ लोग शाम को थाने आकर छात्रा की ओर से दोबारा‎ केस दर्ज करवाने की मांग करने‎ लगे। ये सभी दूसरी बार झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाने का दबाव बना‎ रहे थे।

उन्होंने बताया कि भीड़ जुटाकर साम्प्रदायिक माहौल बनाया गया और तनाव पैदा करने की कोशिश की गई । इसलिए पार्षद अशफाक को हिरासत में लिया गया है। पुराना रिकॉर्ड देखकर आगे की कार्रवाई करेंगे। ‎स्थिति अभी नियंत्रण में है। फिलहाल नगर निगम क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई है।

पूरे घटनाक्रम पर मोघट टीआई बृजभूषण हिरवे का कहना है कि जिस तरह का यह पूरा मामला है, उसे देखते हुए मारपीट करने के लिए अजहर पिता हजरत अली निवासी खानशाहवली, शादाब निवासी गुलमोहर कॉलोनी, मो. इरफान निवासी दुबे कॉलोनी के साथ मोहसिन‎ निवासी छीपा कॉलोनी के खिलाफ दो‎ एफआईआर दर्ज की गई हैं। सत्यम और अतुल की निशानदेही के बाद इन पर अपहरण, मारपीट और जान से मरने‎ की धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बालिका की तरफ से भी इन पर मारपीट का केस दर्ज कराया गया है। शहर में शांति बहाली है।