सूरत : कम बारिश से उत्पादन घटने पर कश्मीरी मिर्च के दाम हुए दोगुने

 गृहिणियों की रसोई के मसालों में हल्दी, धनिया, मेथी और मिर्च शामिल 

सूरत : कम बारिश से उत्पादन घटने पर कश्मीरी मिर्च के दाम हुए दोगुने

गृहणियों का बिगड़ेगा बजट 

गर्मी शुरु होते ही गृहिणियां मसाले भरने की शुरुआत कर देती है। लेकिन इस बार इन तमाम मसालों के बीच मिर्च के दामों में हुआ इजाफा गृहणियों की बजट बिगाड़ सकती है। पिछले साल तेलंगाना और कर्नाटक में कम बारिश के कारण उत्पादन कम होने से कीमतें 70 से 90 फीसदी बढ़ गये हैं।

रेशम पट्टी और कश्मीरी मिर्च के दाम दोगुने हो गए हैं

इस समय गृहिणियों के लिए मसालों का स्टॉक करने का मौसम है। गृहिणियों की रसोई के मसालों में हल्दी, धनिया, मेथी और मिर्च शामिल हैं। इन सभी मसालों में मिर्च के दाम इस साल दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। खासकर रेशम पट्टी और कश्मीरी मिर्च के दाम दोगुने हो गए हैं।

 मिर्च की कीमत 400 से 450 रुपये प्रति किलो थी, जो इस साल 800 से 850 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है

इस संदर्भ में मसाला व्यापारी भरतभाई गांधी ने कहा कि पिछले साल कश्मीरी मिर्च की कीमत 400 से 450 रुपये प्रति किलो थी, जो इस साल 800 से 850 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। जबकि रेशम पट्टी जो पिछले साल 300 रुपए किलो थी, वह इस साल 400 से 450 रुपए किलो हो गई है। 

कश्मीरी मिर्च कश्मीर से आती है,जबकि तेलंगाना के वारंगल से रेशम पट्टी आती है

कश्मीरी मिर्च कश्मीर से आती है,जबकि तेलंगाना के वारंगल से रेशम पट्टी आती है। इन दोनों जगहों पर पिछले साल बारिश की कमी के कारण मिर्च का उत्पादन घटा है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। सुरती लोग अक्सर कश्मीरी मिर्च और रेशम पट्टी मिर्च दोनों को मिलाना पसंद करते हैं क्योंकि रेशम पट्टी मिर्च अधिक तिखा होती है और कश्मीरी मिर्च धीमी होती है। तो लोग 70 प्रतिशत रेशम पट्टी और 30 प्रतिशत कश्मीरी मिर्च मिलाते हैं। पहले 100 किलो कश्मीरी मिर्च बिकती थी और 25 किलो रेशम पट्टी वाली मिर्च बिकती थी, अब दाम बढ़ने से लोग 60 किलो रेशम पट्टी और 40 किलो कश्मीरी मिर्च लेते हैं। दाम बढ़ने से हमारा मुनाफा भी कम हुआ है, हालांकि आने वाले दिनों में मिर्च के दाम और बढ़ सकते हैं।

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