अशोका टावर टेक्सटाइल मार्केट: सूरत का प्रतिष्ठित साड़ी हब

विशेषत: मऊ की बनारसी साड़ी, डाईड साड़ी, वर्क साड़ी और लहंगे देशभर में प्रसिद्ध

अशोका टावर टेक्सटाइल मार्केट: सूरत का प्रतिष्ठित साड़ी हब

सूरत: रिंग रोड के सहरा दरवाजा के समीप संजय नगर विस्तार में सलासर मार्ग पर स्थित अशोका टावर टेक्सटाइल मार्केट सूरत के कपड़ा उद्योग का एक सशक्त और प्रतिष्ठित केंद्र बन चुका है। वर्ष 1994 में स्थापित इस मार्केट में कुल 264 दुकानें हैं, जहां आज भी विभिन्न प्रकार के होलसेल वस्त्र व्यापार की गतिविधियाँ जोरों पर हैं। विशेषत: मऊ की बनारसी साड़ी, डाईड साड़ी, वर्क साड़ी और लहंगे की देशभर में आपूर्ति इसी बाजार से होती है, जिससे इसकी ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो चुकी है।

मार्केट के सचिव रंगनाथ सारडा ने बताया कि अशोका टावर आकार में भले ही छोटा हो, लेकिन यहाँ की व्यवस्थाएँ इसे बड़े बाजारों की कतार में खड़ा करती हैं। यहाँ पर सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं हाई क्वालिटी सीसीटीवी कैमरे,सुरक्षा गार्ड्स, फायर सेफ्टी सिस्टम, बोरिंग व इलेक्ट्रिक पंप,आपातकालीन डीजल पंप, पानी की टंकी ।

मार्केट में व्यापारियों और ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निम्न व्यवस्थाएँ की गई हैं:वाटर कूलर, सोलर प्लांट, माल लिफ्ट, एक पैसेंजर लिफ्ट, अतिरिक्त सीढ़ियाँ, पार्किंग, पार्सल लोडिंग ज़ोन ,कॉमन इमरजेंसी लाइटिंग सिस्टम । मार्केट की देखरेख एक 11 सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है, जिसमें प्रमुख रूप से अध्यक्ष: रणछोड़ गोलकिया , उपाध्यक्ष: राकेश गंभीर,कोषाध्यक्ष: ओमप्रकाश सोंथलिया।

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लोकतेज से विशेष बातचीत में मन्नालाल ओमप्रकाश टेक्सटाइल के संचालक और मार्केट के कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश सोंथलिया ने बताया कि वे बीते 40 वर्षों से सूरत में कपड़ा व्यवसाय में सक्रिय हैं और पिछले 25 वर्षों से अशोका टावर में होलसेल दुपट्टे के व्यापार में कार्यरत हैं।

उनका व्यापार सम्पूर्ण भारत में फैला है। वे प्रोसेस हाउस भी संचालित करते हैं जहाँ मिल के कपड़ों का प्रोसेसिंग व जॉब वर्क किया जाता है। सोंथलिया का व्यापार डायरेक्ट व ऑफलाइन होता है, जो परंपरागत लेकिन विश्वसनीय नेटवर्किंग पर आधारित है।

अशोका टावर मार्केट की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि यहाँ 24 घंटे व्यापारिक गतिविधियाँ चलती रहती हैं। यह इसे सूरत के अन्य बाजारों की तुलना में अधिक सक्रिय और ग्राहकों के लिए सुलभ बनाता है। यह बाजार भारत की तमाम बड़ी टेक्सटाइल मंडियों—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना, बेंगलुरु और हैदराबाद आदि से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।

संक्षेप में, अशोका टावर न केवल सूरत के बल्कि सम्पूर्ण देश के व्यापारिक नक्शे पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है—जहां परंपरा, सुविधा और व्यापारिक कुशलता एक साथ मिलती है।

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