सूरत :  जीएसटी अधिकारी ने छापा मारने के बहाने व्यापारी को डरा धमकाकर ठगा

बोम्बे मार्केट में चनिया चोली के व्यापारी को ठगा 

सूरत :  जीएसटी अधिकारी ने छापा मारने के बहाने व्यापारी को डरा धमकाकर ठगा

जेल से बचने के लिए 80 लाख मांगे, 45 लाख में समझौता हुआ और 12 लाख नगद ले गए 

सूरत में  एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक जीएसटी अधिकारी ने निजी टीम बनाकर एक व्यापारी छापे मारने का नाटक करके उससे लाखों रुपये की ठगी की है। व्यापारी को जैसे ही ठगे जाने का पता चला तो उसने वराछा थाने में शिकायत दर्ज कराई ।

सूरत के पुना क्षेत्र में रहने वाला 41 वर्षीय धीरेंद्रसिंह राजपुरोहित वराछा इलाके में पुराने बॉम्बे मार्केट में साड़ियों का कारोबार करता है। 30 मार्च को उसकी दुकान पर 3 लोग जीएसटी विभाग से आए होने का कहकर प्रवेश किया। रेड करने आए अधिकारियों के हाथ में भारत सरकार के चिन्ह वाली फाइल भी थी। 

इन अधिकारियों ने व्यवसायी का फोन और दुकान का सीसीटीवी भी बंद कर दिया। अधिकारी ने जब व्यापारी से जीएसटी पंचनामा दाखिल करने को कहा तो वह डर गया। इन अधिकारियों ने व्यापारी से कहा, मेरे पास आपके नाम पर जीएसटी विभाग से वारंट है। आपका टर्नओवर 5 करोड़ है। तुम चनिया-चोली का सौदा करते हो इसमें 12 फीसदी जीएसटी शामिल है। आप केवल 7 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करते हैं। 5 प्रतिशत अंतर का जीएसटी 80 लाख देने होंगे।

हालांकि, व्यापारी ने अधिकारी से कहा कि वह नियमित जीएसटी भरते है। अधिकारी ने दुकान सील करने और 10 साल की जेल की धमकी देकर 45 लाख रुपये में समझौता करने की बात कहकर 15 लाख रुपये की मांग की। तो घबराए व्यापारी ने दुकान से 7 लाख और घर से 5 लाख रुपए मंगवाए और रेड करने आए अधिकारियों को दे दिए।

व्यापारी ने पूरी घटना की जानकारी अपने सीए को दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिकारी इस तरह पैसे नहीं लेते। व्यापारी और सीए ने छापेमारी करने पहुंचे अधिकारियों के बारे में जांच करने पर खुलासा हुआ कि छापेमारी करने आए ठगों का गिरोह है। व्यवसायी ने पूरे घटनाक्रम को लेकर वराछा थाने में तहरीर दर्ज कराई।

व्यापारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और रेड करने वाले 3 अधिकारियों में से एक असली जीएसटी अधिकारी होने की बात सामने आई है। वराछा पुलिस ने जीएसटी अधिकारी को गिरफ्तार किया और आगे की जांच कर रही है।

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