सूरत  : ऑनलाइन मेट्रिमोनियल साइट से नंबर हासिल कर शिक्षिका को शादी का झांसा देकर उड़ाए 17 लाख रुपए

शिक्षिका जालसाजी का शिकार हुई

सूरत  : ऑनलाइन मेट्रिमोनियल साइट से नंबर हासिल कर शिक्षिका को शादी का झांसा देकर उड़ाए 17 लाख रुपए

लंदन से शादी के लिए आए दुल्हे के चक्कर में शिक्षिका ने अपना सारा बैंक बैलेंस गंवा दिया

सूरत की शिक्षिका के साथ दिल दहला देने वाला साइबर क्राइम हुआ है। सूरत के लालगेट इलाके में रहने वाली एक शिक्षिका ने शादी डॉट कॉम पर अकाउंट बनाया था‌ जिसमें से नंबर लेकर लंदन के युवक ने फोन किया। फिर बात शादी तक पहुंच गई। सारा खेल यह कहकर शुरू हुआ कि युवक शादी के लिए भारत आ रहा है। जिसमें शिक्षिका से अलग-अलग खातों में 17.48 लाख रुपए जमा कराकर ठगी की गई।

लंदन के एक डॉक्टर के नाम से बातचीत शुरू की

लालगेट इलाके की रहने वाली किरणबेन (बदला हुआ नाम) एक निजी स्कूल में शिक्षिका का काम करती है। उन्होंने शादी डॉट कॉम पर अपने नाम से अकाउंट बनाया था। जिसमें एक अज्ञात विदेशी नंबर से कॉल आया और कहा कि वह डॉ. प्रशांत पीटर हैं।  फिर पीटर ने अपनी तस्वीर और बायोडाटा भी दिया। इसमें कहा गया है कि पीटर मूल रूप से चेन्नई और लंदन में रहते थे।

ईसाई होने के नाम पर टीचर को भरोसे में लिया

रिज्यूम में ब्राह्मण लिखा था। हालांकि, टीचर को ईसाई युवक से ही शादी करनी थी। इस लिए पीटर ने कहा कि वह कैथोलिक ईसाई है और बायोडाटा में गलती हो गई है। इसके बाद उसने अपना शादी डॉट कॉम अकाउंट देखने को कहा, जिससे पता चला कि वह लंदन का रहने वाला और ईसाई है। इसलिए शिक्षका ने उस पर भरोसा किया।

उसने कहा कि वह लंदन से भारत आ रहा है

प्रशांत पीटर खुद एक प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। इसके बाद दोनों शादी के लिए तैयार हो गए। कहा गया कि प्रशांत शादी के लिए भारत आ रहा था। इसी बीच 15 मार्च को प्रशांत ने सफर के सामान के साथ बहन और पिता की तस्वीर भेजी। इसके साथ हवाई टिकट की तस्वीर भी भेजी थी। तो कहा गया कि वह लंदन से भारत आ रहे हैं।

एयरपोर्ट से लड़की के नाम से कोल किया और खेल शुरू हुआ

सारा खेल अब शुरू हो चुका था। दिल्ली एयरपोर्ट से नताशा नाम की एक टीचर का फोन आया। जिसमें प्रशांत व उसका परिवार लंदन की करेंसी डीडी लेकर आया था, उसे बाहर ले जाने के लिए 39 हजार रुपये का भुगतान करना होगा ऐसा कहा गया। शिक्षका ने रुपये गुगल पे से ट्रांसफर कर दिए। फिर उसके बाद ड्युटी चार्ज के नाम पर 1.37 लाख, प्रशांत के परिवार को रुपये उपयोग के चार्ज पर 3.48 लाख, जीएसटी के नाम पर 7.95 लाख और फिर अंतिम लाइसेंस पत्र के लिए 4.27 लाख अलग-अलग खातों में जमा कराये गये।

17 लाख रुपए के बाद और रुपए की मांग की गई

 प्रशांत और उसके परिवार का पासपोर्ट जब्त होने वाला है ऐसा कहने पर शिक्षिका ने अपना सारा बैंक बैलेंस खत्म कर दिया था। साथ ही एफडी भी तुड़वाकर रुपये जमा करा दिए। इसके बाद और 7.32 लाख रुपये की मांग करने पर शिक्षिका को अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। इसके बाद शिक्षिका ने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई।

Tags: Surat