सूरत : अठवा चौपाटी के स्विमिंग पूल को बचाने के लिए अब पूर्व नगर सेवक लोगों के साथ जुड़े

अठवा गेट स्थित बच्चों का स्विमिंग पुल

सूरत : अठवा चौपाटी के स्विमिंग पूल को बचाने के लिए अब पूर्व नगर सेवक लोगों के साथ जुड़े

सूरत में सत्ता पक्ष-विपक्ष के पार्षद मेट्रो में जाने वाली संपत्ति को बचाने के लिए अभी भी खामोश 

सूरत में मंट्रो के संचालन के दौरान सूरत के पहले बच्चों के स्वीमिंग पूल को गोदाम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सूरत के पहले स्वीमिंग पूल को गोदाम बनने से बचाने के लिए अब तक न तो बीजेपी और न ही आप पार्षदों ने कोई प्रतिवेदन दिया है। लेकिन पूर्व नगरसेवक व पूर्व नगर भाजपा अध्यक्ष ने हरिओम आश्रम के स्वीमिंग पूल बचाने की कुछ उम्मीद जगाते हुए मेट्रो गोदाम के लिए कहीं और जमीन आवंटित करने के लिए आयुक्त को पत्र लिखा है।

शहर के पहले चिल्ड्रन स्विमिंग पूल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए चौपाटी में एक गोदाम आवंटित करने के सूरत नगर निगम के फैसले के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हरिओम आश्रम की ओर से इस स्वीमिंग पूल को बरकरार रखने का प्रस्ताव दिया गया है लेकिन हरिओम आश्रम के प्रबंधकों को अभी तक किसी राजनीतिक दल भाजपा-आप या कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला है। 

शहर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व पार्षद नितिन भजीयावाला ने सूरत के पहले स्वीमिंग पूल को बचाने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि संत श्री हरिओम आश्रम के संस्थापक श्री पूज्य मोटा ने 1967 में तैराकों और शहरवासियों के लाभ के लिए स्विमिंग पूल बनाने के लिए 2.20 लाख रुपये का दान दिया था। 

जब मेट्रो रेल परियोजना के गोदाम के लिए अठवा लाइन्स में शहर का पहला स्विमिंग पूल आवंटित करने का निर्णय लिया गया, तो तैराकों सहित नागरिकों में काफी रोष है। इस प्रस्तुति के बाद संभावना है कि सूरत के पहले स्वीमिंग पूल को बचाने के लिए अन्य लोग भी आगे आएंगे।

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