सूरत : नगर निगम आयुक्त कोर्ट में पेश हुई,  हाईकोर्ट से मांगी माफी 

सूरत : नगर निगम आयुक्त कोर्ट में पेश हुई,  हाईकोर्ट से मांगी माफी 

लिंबायत में प्लॉट का कब्जा मूल मालिक के बजाय अन्य को सौंपने के मामले पर कोर्ट ने आयुक्त को हाजिर होने का नोटीस जारी किया था

सूरत नगर निगम के लिए बेहद दयनीय स्थिति उत्पन्न हो गई थी। अधिकारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए टीपी नंबर 39 में मूल मालिक का प्लॉट भ्रष्ट तरीके से अन्य बिल्डर पार्टी को सौंप दिया था । हाईकोर्ट में जिस मामले की सुनवाई चल रही थी, उससे आगे जाकर अधिकारियों ने प्लॉट किसी और को सौंप दिया। इसको लेकर नगर आयुक्त को आज हाईकोर्ट में उपस्थित होने का नोटीस जारी किया गया था। आयुक्त शालिनी अग्रवाल आज हाईकोर्ट में उपस्थित रही और कोर्ट से माफी मांगी।

नगर आयुक्त ने बिना शर्त माफी मांगी

हाईकोर्ट ने सूरत नगर निगम के अधिकारियों के प्रदर्शन पर कड़ी कार्रवाही की थी। नगर निगम ने जिस तरीके से फैसले लिए गए उसकी आलोचना भी की। लिंबायत इलाके के टीपी नंबर 39 में जो प्लॉट मूल मालिक का था, उसे अधिकारियों ने किसी और को सौंप दिया था। उच्च न्यायालय के संज्ञान में मामला आने पर उच्च न्यायालय ने आयुक्त को  आज उच्च न्यायालय में पेश होने का भी निर्देश दिया। आखिरकार आज कमिश्नर खुद हाईकोर्ट में पेश हुए और बिना शर्त माफी मांगी।

नगर निगम के अधिकारियों का भ्रष्टाचार सामने आया

देखने में आया है कि भले ही टीपी नंबर 39 के प्लॉट पर कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, लेकिन अधिकारियों ने अपने निजी व्यक्ति को फायदा पहुंचाने की पूरी कोशिश की है। एक तरह से चर्चा हो रही है कि अधिकारियों ने एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की योजना के तहत इस भूखंड पर कब्जा कर लिया है। अंत में जब ये सारी कार्यवाही हाईकोर्ट के सामने आई तो हाईकोर्ट ने सूरत नगर निगम के कमिश्नर की कटु शब्दों में आलोचना की और उन्होंने साफ कहा कि अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश से परे जाकर काम किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से मामले को महाधिवक्ता के ध्यान में लाया।

महाधिवक्ता ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया

यह स्पष्ट था कि सूरत नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय की अवमानना ​​की गई थी। उच्च न्यायालय ने मामले को बहुत गंभीरता से लिया और महाधिवक्ता को भी इस संबंध में एक हलफनामा प्रस्तुत करने और अधिकारियों के खिलाफ सूरत नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में तत्काल प्रभाव से जानकारी एकत्र करने के लिए कहा। नगर आयुक्त ने आज कोर्ट में पेश होकर माफी मांगी और महाधिवक्ता द्वारा कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया।

मनपा के अधिकारियों को सबक लेना चाहिए

लिंबायत टीपी नंबर 39 में प्लॉट का कब्जा देने के मामले में अधिकारियों ने तो हद ही पार कर दी थी और हाईकोर्ट के आदेश की भी धज्जियां उड़ा दी थी। अंतत: उच्च न्यायालय के फैसले के बाद आयुक्त सहित अधिकारियों को शर्मनाक स्थिति में डाल दिया गया। मनपा के पदाधिकारियों को सबक लेकर अपने निजी व विश्वस्त लोगों को लाभ पहुंचाने या अपने निजी लाभ के लिए कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की मानसिकता से बाहर आने की जरूरत है।

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