पारिवारिक मूल्यों को बयां करने वाली वेब सीरीज ‘गुलमोहर’ का ट्रेलर हुआ रिलीज, देखने मिलेगी मनोज वाजपाई और शर्मीला टैगोर की शानदार अदाकारी
बेहतरीन संवादों से भरी हुई है कहानी, परिवार और उसके मूल्यों के इर्दगिर्द घुमती है कहानी
परिवार हर किसी के लिए उसका परिवार उसकी ताकत, उसकी क्षमता में बढ़ोतरी करता है। यदि परिवार का साथ हो तो हम दुनिया में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। किसी भी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद भी हर कोई अपना स्पेस चाहता है। जिसकों पाने के चक्कर में लोग अक्सर अपनों से दूर चले जाते हैं। कभी-कभी हमें यह महसूस नहीं होता। परिवार संस्कृति और जीवन मूल्यों की पहली पाठशाला भी है। परिवार से ही हमारे अंदर अच्छे गुणों का विकास होता है। लेकिन आज के दौर में संयुक्त परिवार धीरे-धीरे एकल परिवार में तब्दील हो चुका है। इसी तरह फिल्म 'गुलमोहर' अपनों के साथ रहने और दूर होने की कहानी है।
‘गुलमोहर’ का ट्रेलर हुआ रिलीज
आज के समय में जहाँ अपने करियर बनाने के चक्कर में खुद में ही लगे युवाओं में माता-पिता की अहमियत कम होने लगी है। भाई-बहनों के प्यार की कीमत कम होने लगी है। ऐसी कई फिल्में और वेब सीरीज हैं, जिसे देखने के बाद परिवार की कीमत समझ आती है। इसी कड़ी में एक नई वेब सीरीज 'गुलमोहर' डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 3 मार्च से स्ट्रीम होने जा रही है। इसका ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया है।
क्या है ‘गुलमोहर’ की कहानी
अपनी वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' से ओटीटी की दुनिया में धमाल मचाने वाले मनोज बाजपेयी के अभिनय का हर कोई कायल है। अब उनके ओटीटी कैरिएर में नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर स्टारर गुलमोहर का ट्रेलर रिलीज हो गया है। ट्रेलर में एक परिवार की कहानी दिखाई गई है। यह कहानी हर परिवार द्वारा साझा की जा सकती है लेकिन फिर भी इसमें कुछ अलग है। इस ट्रेलर में परिवार के आपसी असमंजस्य को दिखाया गया है। घर में एक पिता-पुत्रके बीच अनबन है। दोनों एक ही घर में रहते हैं लेकिन दिलों के बीच की दूरी को नहीं समझते। एक माँ है, जो बाप बेटे के बीच के अनबन से परेशान है। बेटा अपने परिवार के साथ रह रहा है लेकिन अलग जीवन जी रहा है। जिसमें उनके माता-पिता का स्थान बहुत ही कम है।
बहुत दमदार नजर आ रहा है ट्रेलर
आपको बता दें कि वेब सीरीज 'गुलमोहर' के 2 मिनट 33 सेकेंड के ट्रेलर की शुरूआत बत्रा परिवार में चल रही पार्टी से होता है। घर के सभी सदस्य आनंद ले रहे हैं। इसी बीच घर सबसे बुजुर्ग सदस्या कुसुम बत्रा (शर्मिला टैगोर) एक ऐलान करके बम फोड़ देती हैं। वो पूरे परिवार के सामने बताती हैं कि उन्होंने पैतृक घर बेच दिया है। इसकी जगह उन्होंने पुदुचेरी में अपने लिए मकान खरीदा है, जहां जाकर वो अकेली रहेगी। इस बात से जहाँ सबको हैरानी होती है वहीं सबसे ज्यादा दुख घर के बड़े बेटे अरुण बत्रा (मनोज बाजपेयी) को होता है। एक तो उसका बेटा उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता वहीं अब उसकी मां घर छोड़कर जा रही है।
यह फिल्म इमोशंस से भरपूर, शर्मिला टैगोर का होगा डिजिटल डेब्यू
साल 2010 के बाद एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर अब फिल्म 'गुलमोहर' से पर्दे पर वापसी कर रही हैं। साथ ही यह उनका डिजिटल डेब्यू होगा। वह एक ऐसी मां की भूमिका निभाती हैं, जो अपना पूरा जीवन अपने परिवार को देने के बाद आखिरकार अपनी अलग जिंदगी जीने जा रही है। मनोज बाजपेयी शर्मिला के बेटे की भूमिका निभाते हैं। वह एक ऐसी शख्सियत हैं जो अपने परिवार को अलग होने से बचाने की कोशिश कर रही हैं। वह लोगों से नाराज है और खुद से भी, लेकिन कहीं न कहीं उसे यह भी लगता है कि दो मंजिला मकान में रहने वालों ने अपने-अपने कमरों में अपना घर बना लिया है। मां-बेटे की जोड़ी ने कमाल का काम किया है। ट्रेलर में जिस तरह की कहानी दिखाई गई है, जिस तरह के संवाद इस्तेमाल किए गए हैं, उन्हें देखकर भरोसा होता है कि फिल्म सबको पसंद आएगी। इस ट्रेलर में मनोज बाजपेयी के किरदार का ये डायलॉग उन लाखों घरों की कहानी है, जहां एक साथ रहकर भी लोग साथ नहीं होते हैं। हफ्तों परिवार के सदस्यों के बीच बात नहीं होती है।
मनोज वाजपेयी को फिल्म से बड़ी उम्मीदें
इस फिल्म के बारे में मनोज बाजपेयी ने कहा, ''गुलमोहर बहुत सारे प्यार और दिल से बनी फिल्म है। यह उन सरलताओं और जटिलताओं की पड़ताल करता है जो एक परिवार के भीतर होती हैं। हमारी राजधानी के केंद्र में स्थित, यह एक ऐसी फिल्म है जिससे सभी संबंधित हो सकते हैं। शानदार कलाकारों के साथ, गुलमोहर हर एक किरदार के साथ न्याय करती है और हर एक दूसरे से अलग दिखता है। उम्मीद है कि दर्शक इसका आनंद लेंगे।''