सूरत :  जानिए किस मांग को लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए

सूरत :  जानिए किस मांग को लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए

बैंक में एकाऊन्टन्ट और अधिकारियों के रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग के साथ कर्मचारीयों की हडताल

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारियों ने गुरुवार 9 फरवरी को एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू की। सूरत के एलपी सवानी रोड स्थित बैंक की मुख्य शाखा में कर्मचारियों ने सड़क पर उतरकर धरना दिया और बैंक प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की मुख्य मांग भर्ती को लेकर है।

देशभर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सभी कर्मचारी प्रदर्शन, रैलियों और धरने के कार्यक्रम में शामिल हुए

मुख्य रूप से सभी संवर्गों में कर्मचारियों की पर्याप्त भर्ती की मांग को लेकर आज बैंक ऑफ महाराष्ट्र की 2200 शाखाओं के लगभग 13000 कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर चले गए। संघ के तर्क के अनुसार, 1000 लिपिक और इतनी ही संख्या में अधिकारियों की भर्ती करने की आवश्यकता है। यूनियन ने बैंक के पार्ट टाइम सब स्टाफ का कैडर खत्म करने के फैसले को गंभीरता से लिया है। बैंक प्रबंधन के साथ यूनियन की वार्ता भी नहीं निकल पायी और बैंक प्रबंधन का कठोर एवं अड़ियल रवैया सामने आ गया, जिससे सभी कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हो गये।

बैंक प्रबंधन नौकरियों को आउटसोर्स कर रहा है, जो युनियन का कहना है कि उद्योग-व्यापी समाधान का उल्लंघन है, क्योंकि वे नियमित प्रकार की नौकरियां हैं। बैंक के बोर्ड में कर्मचारियों व अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई सदस्य नहीं है। जिसके अभाव में प्रबंधन कर्मचारीमूलक सभी निर्णय एकतरफा ले रहा है जिसका बैंक यूनियन विरोध कर रही है।

कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण मौजूदा कर्मचारियों को देर तक शाखा में बैठकर काम करना पड़ता है और छुट्टियों के दिन भी काम पर आना पड़ता है। ग्राहकों को बैंक में ही वह सुविधाएं नहीं मिल पातीं जो उन्हें मिलनी चाहिए। साथ ही ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कार्य जीवन संतुलन बहाल करना भी सभी हड़ताली कर्मचारियों की मांग है।

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