सूरत : 150 ई-बसों के टेंडर मंजूर, पुराने पट्टे निरस्त, 12 साल में 17 करोड़ की बचत

सूरत : 150 ई-बसों के टेंडर मंजूर, पुराने पट्टे निरस्त, 12 साल में 17 करोड़ की बचत

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद ई-बस का काम नई एजेंसी को सौंप दिया गया

शहर में तीसरे चरण में 150 और इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। पहले टेंडर स्वीकृत होने के बाद उस एजेंसी के  टेंडर को मान्यता नही मिलने पर ठेकेदार कोर्ट गया और काम में देरी हुई। अब न्यायालय के आदेश के बाद कार्य नई एजेंसी को सौंपा जाएगा। 

नए पट्टेदार का प्रस्ताव पुराने पट्टेदार से 1.33 प्रति किमी कम

नगर निगम को सालाना 1.40 करोड और 12 सालो बाद 17 करोड का लाभ मिलेगा। पुराने पट्टेदार द्वारा 35.09 रुपये प्रति किमी के प्रस्ताव के विरुद्ध 1.33 रुपये प्रति किलोमीटर कम भाव यानी 33.60 प्रति किलोमीटर की ओफर मिलने पर नगर पालिका को 1.40 करोड़ वार्षिक और 12 वर्षों में 17 करोड़ का लाभ मिलेगा। इसलिए स्टैंडिंग कमेटी ने नई एजेंसी को अगले 12 साल तक इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए 415 करोड़ रुपये का टेंडर मंजूर किया।

150 नई इलेक्ट्रीक बसों का टेन्डर मंजुर हुआ

भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से सीईएसएल ने देश के 9 शहरों के लिए सब्सिडी लाभ वाली कुल 5450 बसों के लिए टेंडर की घोषणा की, जिसके तहत सूरत शहर को 150 बसें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। 150 इलेक्ट्रिक बसों की मांग के लिए वोल्वो, आयशर कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड को स्थायी समिति द्वारा 35.09 रुपये प्रति किमी की दर से काम सौंपने का निर्णय लिया गया था। लेकिन एक अन्य पट्टेदार ने उसके टेंडर को स्वीकार नहीं करने पर उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की थी। अपील के बाद, इस पट्टेदार की निविदा को बरकरार रखा गया और मूल्य बोली के उद्घाटन के समय एल-1 की तुलना में प्रस्ताव 1.33 प्रति किमी कम था। स्थायी ने यह टेंडर स्वीकार कर लीज सौंप दी।

इससे पहले 2 चरणों में 300 बसों के टेंडर को मंजूरी दी गई थी

इससे पुर्व पहले चरण में 150, दूसरे चरण में 150 सहित कुल 300 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के टेंडर को मंजूरी दी गई थी। जिसमें पहले चरण की 150 और दूसरे चरण की 27 बसे पाई गईं। वर्तमान में सूरत शहर में 177 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं और आज स्टैंडिंग में 150 और ई-बसें लीज पर ली गई हैं।

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