जानिये केंद्रीय बजट में सूरत के हीरा और कपड़ा उद्योग के लिये क्या हैं प्रावधान

जानिये केंद्रीय बजट में सूरत के हीरा और कपड़ा उद्योग के लिये क्या हैं प्रावधान

ए टफ के लिए 900 करोड का प्रावधान, लैबग्रोन डायमंड के लिए फंड आवंटित, एमएसएमई को बढ़ावा देने की  मांग मंजूर हुई

केंद्रीय बजट में सूरत शहर के लिए एक बड़ी खबर है। कपड़ा उद्योग के लिए ए टफ ( टेक्सटाईल अपग्रेडेशन फंड) के लिए 900 करोड का बजट में प्रावधान किया गया है। जबकि सूरत शहर में लैबग्रोन हीरा क्षेत्र के लाभों को अधिकतम करने के लिए सरकार द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय बजट में प्रयोगशाला में विकसित ( लैबग्रोन) हीरों के अनुसंधान और विकास के लिए फंड उपलब्ध कराया गया है। जबकि दो साल से एमएसएमई को बढ़ावा देने की मांग भी मान ली गई है।

लैबग्रोन डायमंड के लिए बड़ी खबर

सूरत के हीरा उद्योग के लिए आज के बजट में एक अच्छी खबर है। नेचुरल डायमंड्स के विपरीत लैबग्रोन ( प्रयोगशाला में निर्मित) डायमंड्स को विकसित करना बहुत जरूरी है। लैब में तैयार किए गए हीरे वर्तमान में सूरत शहर में बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं। जिसके लिए रिसर्च करना बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने इसके लिए फंड उपलब्ध कराने का फैसला किया है, जिससे आने वाले दिनों में इस उद्योग में और तेजी आएगी।

प्रयोगशाला में उगाए गए हीरे पर शोध किया जाएगा

ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार प्रयोगशाला में विकसित हीरों को विश्व पटल पर बढ़ावा देने के लिए काफी काम करेगी। कारोबारी कच्चे हीरे का जो आयात करते थे, उसे अब कम किया जा सकता है। इन सभी पहलुओं पर शोध किया जाएगा कि कैसे लैबग्रोन हीरों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सकता है और आभूषण क्षेत्र में उनका अधिकतम उपयोग कैसे किया जा सकता है और इससे पूरे उद्योग को बहुत लाभ हो सकता है।

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कपड़ा उद्योग के लिए केवल ए टफ का प्रावधान

कपड़ा उद्योग द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री को कुछ महत्वपूर्ण अभ्यावेदन दिए गए थे। मामला सूरत चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी उठाया था लेकिन आज पेश बजट में टैक्सटाइल को कोई राहत नहीं दी गई। बजट के भाषण में वित्त मंत्री ए टफ का जिक्र नही किया मगर वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बजट के विस्तृत रिपोर्ट मे कपड़ा उद्योग के लिए ए टफ योजना के लिए 900 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है। 

लैबग्रोन डायमंड बढ़ेंगे, कच्चे हीरों पर हमारी निर्भरता कम होगी : बोडावाला

सूरत चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि सूरत के हीरा उद्योग के लिए बहुत अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में लैबग्रोन डायमंड की मांग इस समय बढ़ रही है। ऐसे में सूरत शहर के भीतर भी इसका उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे आयात होने वाले कच्चे हीरों पर हमारी निर्भरता कम होगी और सूरत में बनने वाले लेबग्रोन हीरे भी आभूषणों में इस्तेमाल होंगे। इससे ज्वेलरी इंडस्ट्री को भी काफी फायदा हो सकता है। आने वाले दिनों में केंद्र सरकार द्वारा लैबग्रोन डायमंड्स के लिए आईआईटी को जिस तरह का शोध और विकास कार्य सौंपा गया है, उससे काफी फायदा होगा और हीरे की गुणवत्ता और उसके मूल्यांकन में भी काफी सुधार हो सकता है।

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असली हीरे की भी घोषणा होनी चाहिए थी

सूरत के जाने-माने हीरा व्यापारी प्रवीण नानावटी ने कहा कि सूरत में 50 साल से भी ज्यादा समय से असली हीरा उद्योग चल रहा है। केवल लैबग्रोन हीरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट में प्रावधान किया गया है। इससे उन्हें फायदा होता लेकिन प्राकृतिक हीरों के लिए भी प्रवाधान देना चाहिए था। इससे सालों से जुड़े असली हीरा कारोबारियों को भी फायदा होता।

चीनी मिलों को राहत

सहकारिता क्षेत्र के लिए दक्षिण गुजरात के लिए बड़ी खबर आई है। चीनी मिलों पर लगने वाला टैक्स अब कम होगा। जब किसानों द्वारा गन्ने की फसल पर लगाए जाने वाले टैक्स को लेकर काफी राजनीतिक चर्चा हुई थी और किसानों पर भारी आर्थिक बोझ भी डाला गया था। आज केंद्रीय मंत्री ने पेश किए बजट से सहकारिता जगत में भी खूब आनंद दिख रहा हैं। खासकर चीनी मिलों पर जो संकट आया था, वह भी टल गया है।

एमएसएमई के लिए 2 लाख करोड़ का प्रावधान 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पेश बजट में एमएसएमई क्षेत्र में नई योजनाओं को लागू करने की घोषणा की। एमएसएमई को बढ़ावा देने की मांग दो सालों से की जा रही थी इससे  उद्योगों को लाभ होगा। ज्ञात हो कि केंद्रीय बजट ने एमएसएमई उद्योगों के लिए राहत प्रदान की है। एमएसएमई उद्योगों को क्रेडिट गारंटी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा कोरोना से प्रभावित कारोबारियों को राहत दी है। जिसमें एमएसएमई के लिए रिफंड स्कीम लाई जाएगी। एमएसएमई को कर्ज के लिए 2 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसमें 95 प्रतिशत राशि की मदद की जाएगी। व्यापारियों के लिए पैन कार्ड ही एकमात्र पहचान दस्तावेज होगा। डिजिटल लॉकर योजना लागू की जाएगी।