सूरत : शहर में जैन समाज की विशाल मौन रैली, हजारों की संख्या में शामिल हुए लोग

सूरत : शहर में जैन समाज की विशाल मौन रैली, हजारों की संख्या में शामिल हुए लोग

झारखंड में श्री सम्मेद शिखर और पालीताना में शेत्रुंजय शिखर को तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग

सकल जैन समाज के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार ने ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन घोषित किया है जिसका पूरे देश में विरोध हो रहा है। चुंकि इस तीर्थ स्थल पर जैन समुदाय के 20 संतों ने मोक्ष प्राप्त किया है, इसलिए इसे अति पवित्र स्थान माना जाता है। इस घोषणा से पूरे जैन समाज की आस्था को ठेस पहुंची है। देश के विभिन्न शहरों में जैन समुदायों द्वारा अहिंसक रेली निकाली गई है। इसी क्रम में सूरत के जैन समाज ने आज मंगलवार 3 जनवरी 2023 को भारी आक्रोश के साथ मौन रैली का आयोजन किया गया। 

जैन सूरत में 3 किमी. लंबी रैली 

आज मंगलवार सुबह 9.00 बजे सरगम ​​शॉपिंग सेंटर से शुरू हुई इस रैली में काफी संख्या में जैन धर्मावलम्बी जुटे थे। सरगम शॉपिंग सेंटर की सड़क पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यह मौन रैली सरगम ​​शॉपिंग सेंटर से शुरू होकर सूरत कलेक्टर कार्यालय 3 किमी.लंबी रैली का आयोजन किया गया। सूरत के जैन समाज ने लंबी मौन रैली निकाल कर विरोध जताया। जैन नेताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि असामाजिक तत्व हमारे धर्मस्थलों पर आक्रमण कर रहे हैं। हमारी मांग है कि सरकार हमारी भावनाओं को समझे और सम्मेद शिखर को तीर्थस्थल घोषित करे। आज की रैली में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुईं। इससे पहले राजकोट, वडोदरा और अहमदाबाद शहरों में रैलियां की गईं।

जैन समाज की मांगें

  • झारखंड और पालीताना सहित शिखर को तीर्थ स्थल घोषित किया जाए
  • पालिताना सहित तीर्थ स्थलों पर मांस व शराब की बिक्री बंद की जाए
  • यदि इको-टूरिज्म किया जाता है, तो जगह की पवित्रता नष्ट हो जाएगी

रैली में बड़ी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु शामिल हुए

सूरत के श्वेतांबर, दिगंबर, तेरापंथ और स्थानकवासी के चार संप्रदायों के जैन समुदाय के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए हैं। इस रैली में साधु-संत और बड़ी संख्या में श्रद्धालु-भक्त जन शामिल हुए। सभी पैदल मौन रैली में शामिल हुए और कलेक्टर कार्यालय तक गए। सकल जैन समाज सूरत का उद्देश्य केवल यह मांग करना था कि उनके पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी को ईको-टूरिज्म साइट से हटाकर एक बार फिर से पवित्र तीर्थ स्थल घोषित कर दिया जाए।

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कपड़ा-हीरा व्यापारी दुकानें और कार्यालय बंद रखकर रैली में शामिल हुए

सूरत के कपड़ा और हीरे के दो मुख्य व्यापारों में जैन समुदाय का दबदबा है। हीरे के बाजार में पलिताना के जैनियों का वर्चस्व है, दूसरी ओर कपड़ा बाजार में मारवाड़ के जैनियों का वर्चस्व है। सम्मेद शिखरजी के मुद्दे पर आज सुबह 9 बजे पार्लेपॉइंट से शुरू हुई रैली में दोनों उद्योगों से जुड़े जैन एकजुट होकर शामिल हुए।  रैली में शामिल होने वाले ज्यादातर लोगों ने सफेद कपड़े पहन रखे थे। विरोध रैली में शामिल होने के लिए हीरा व्यापारी, दलाल देर से दफ्तर गए जबकि कपड़ा कारोबारियों ने पहले ही दोपहर तक बंद रहने की घोषणा कर दी थी। इस हिसाब से आज दोनों बाजार दोपहर तक बंद रहे।

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