सूरत में इमानदारी की एक और मिसाल :  सात लाख रूपये के हीरों का पैकेट गुम हुआ, कपड़ा व्यापारी बंधुओं को मिला तो मूल मालिक को खोज लौटा दिया

सूरत में इमानदारी की एक और मिसाल :  सात लाख रूपये के हीरों का पैकेट गुम हुआ, कपड़ा व्यापारी बंधुओं को मिला तो मूल मालिक को खोज लौटा दिया

डायमंड एसोसिएशन के कार्यालय में 7 लाख रुपये के हीरे के खोए हुए पार्सल को वापस करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया गया

सूरत के मिनी बाजार में एक हीरा कारोबारी ने सेफ डिपॉजिट वॉलेट में 7 लाख के हीरों का पैकेट रखने गये और उनकी उन्हें आभास तक नहीं हुआ कि पैकेट वहीं गिर गया था। ये पैकेट जिन दो लोगों को मिला उन्होंने इसे सुरक्षित रख लिया और बाद में पूरे हीरा बाजार में इसकी सूचना दी और मूल मालिक को वापस कर दिया। इस मामले में सूरत डायमंड एसोसिएशन ने ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की बेहतरीन मिसाल कायम करने वाले दोनों लोगों को सम्मानित किया।

लाखों का हीरा पैकेट ईमानदारी से लौटा दिया

कल्पेशभाई लाभुभाई जेतानी सूरत के कापोद्रा में रहते हैं और डायमंड मैन्युफैक्चरिंग का काम करते हैं। गत 17 दिसंबर को वह 7 लाख के हीरों का पैकेट लेकर मिनी बाजार प्रिंसेस प्लाजा गये थे। इस दौरान उनके 7 लाख के हीरे का पैकेट गिर गया। उसे इसका आभास तक नहीं हुआ। उन्हें तो ऐसा था की हीरे का पैकेट सेफ वोल्ट तिजोरी में ही है। 26 दिसंबर के दिन जब वह डिपॉजिट वॉलेट देखने गये तब उन्हें पता चला कि हीरे का पैकेट अंदर नहीं है और उन्होंने तलाशी शुरू की।

कपड़ा व्यापारी भाइयों को मिला था हीरों का पैकेट

इस बीच, 17 दिसंबर को पुना गांव, तिरुपति सोसाइटी में रहने वाले और कपड़ा बाजार में साड़ी की दुकान के मालिक धर्मेशभाई सुखडीया अपने फुफेरे भाई जगदीश सुखडीया के साथ प्रेजेंस प्लाजा सेफ वोल्ट गए थे, जहां उन्हें वह हीरे का पैकेट मिला था। दोनों भाइयों ने हीरे के इस पैकेट को मूल मालिक को लौटाने के इरादे से प्रयास शुरु किये और मूल मालिक की खोजबीन की। पूरे बाजार के नोटिस बोर्ड पर इस बााबत संदेश चस्पा किया। 

डायमंड एसोसिएशन के कार्यालय में सम्मान किया गया

वहीं, हीरे का पैकेट ढूंढ रहे एक हीरा व्यापारी ने इस संदेश को देखा। उन्होंने दोनों भाइयों को संपर्क किया। फिर दोनों भाइयों ने सभी सबूतों का सत्यापन किया और सूरत डायमंड एसोसिएशन के कार्यालय में बुलाकर अध्यक्ष नानूभाई वेकारिया सहित एक टीम की उपस्थिति में हीरों का पैकेट मूल मालिक को लौटा दिया। इमानदारी और प्रामाणिकता दिखाने वाले दोनों भाईयों को सूरत डायमंड एसोसिएशन की ओर से पुस्तक पुरस्कार स्वरुप देकर तथा फुलों का हार पहनाकर सम्मानित किया गया। 

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