सूरत :  रसायन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों को बीआईएस लाइसेंस-प्रमाण पत्र की जानकारी दी गई

सूरत :  रसायन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों को बीआईएस लाइसेंस-प्रमाण पत्र की जानकारी दी गई

मानक मंथन की शृंखला के तहत चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं भारतीय मानक ब्यूरो-सूरत शाखा के संयुक्त प्रयास से जागरूकता कार्यक्रम 

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारतीय मानक ब्यूरो की एक संयुक्त पहल -से समृद्धि भवन, नानपुरा, सूरत में 'रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योग और माणक मंथन' पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बीआईएस-सूरत शाखा कार्यालय निदेशक व प्रधान एस.के. सिंह और उप निदेशक ईशान त्रिवेदी और अभिषेक नायडू ने उद्योगपतियों को रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के लिए प्राप्त होने वाले बीआईएस प्रमाणपत्र के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उद्योगपतियों को लाइव प्रदर्शन के माध्यम से विस्तृत समझ प्रदान कर मानक मंथन के मानदंडों के बारे में भी बताया गया।

देश में रासायनिक उत्पादन में दक्षिण गुजरात का योगदान 35 प्रतिशत

चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष रमेश वघासिया ने कहा कि भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में केमिकल उद्योग की हिस्सेदारी 7 फीसदी है। भारतीय रासायनिक उद्योग दुनिया में छठा सबसे बड़ा रासायनिक उद्योग है और एशिया में तीसरा सबसे बड़ा है। वर्ष 2019 में रसायन उद्योग का मूल्य 100 अरब डॉलर दर्ज किया गया था। इस उद्योग से 50 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। रासायनिक उत्पादन में गुजरात का योगदान भारत के कुल उत्पादन का 53% है और इस प्रकार गुजरात भारत का सबसे बड़ा रासायनिक उत्पादक केंद्र है। जबकि पेट्रोकेमिकल्स के उत्पादन में दक्षिण गुजरात का योगदान भारत के कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत है।

उन्होंने आगे कहा कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए बीआईएस जरूरी है जबकि भारत अब निर्यातोन्मुख उत्पादन पर जोर दे रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन उद्योगपतियों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किया गया है और अब से भी माणक मंथन के तहत हर उद्योग में इस मामले के बारे में जागरूकता लाने के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स और भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

भारत में 40 हजार से अधिक आईएसआई ब्रांडेड बीआईएस लाइसेंस हैं

एस. क. सिंह ने कहा कि कुल 7000 उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो के अंतर्गत आते हैं। इसलिए सूरत के अधिकांश उद्योग बीआईएस से जुड़े हुए हैं। रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का निर्माण, बिक्री, आयात और खरीद करने वाले व्यवसायियों को बीआईएस प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक है। बीआईएस की कई गतिविधियां हैं। जिसमें मुख्य रूप से मानकीकरण, भारतीय मानक के अनुरूप उत्पाद प्रमाण पत्र देना एवं विभिन्न समितियों द्वारा मानक निर्धारित करना। बीआईएस ने अब तक 1100 मानक प्रमाणन बनाए हैं। पूरे भारत में 40 हजार से अधिक आईएसआई ब्रांडेड बीआईएस लाइसेंस हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बीआईएस मानक निर्यात को बढ़ावा देता है, आयात का विकल्प प्रदान करता है और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उत्पाद विनिर्देश संबंधित सूची बीआईएस की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके संबंध में टिप्पणियां की जा सकती हैं, जो संबंधित समितियों तक तुरंत पहुंचती हैं। इसके अलावा बीआईएस केयर एप के माध्यम से ही उद्यमियों को मोबाइल पर ही सारी जानकारी मिल जाएगी। बीआईएस ने लाइसेंस लेने वाली स्टार्टअप और महिला उद्यमियों को कुल लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी है। जबकि एमएसएमई को 20 फीसदी की छूट दी गई है। यह राहत सिर्फ तीन साल के लिए है। उन्होंने व्यवसायियों को विस्तार से बताया कि बीआईएस लाइसेंस लेना क्यों जरूरी है।

बच्चों के लिए आईएसआई ब्रांडेड खिलौने ही खरीदे

अभिषेक नायडू ने कहा, बीआईएस लाइसेंस लेने से उद्योग को एक ईमार्क मिलता है कि इससे पर्यावरण को कितना कम नुकसान होता है। रसायन के 51 उत्पाद मानक हैं। भारत में 49 उद्योगों ने BIS ईकोमार्क लिया है। अधिकांश रासायनिक और पेट्रोकेमिकल इकाइयाँ दक्षिण गुजरात में स्थित हैं। भारत में संबंधित उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले पोटैशियम शुनाइट का उत्पादन गुजरात में होता है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को बच्चों के लिए आईएसआई ब्रांडेड खिलौने ही खरीदने चाहिए।

बीआईएस लाइसेंस के लिए ऑनलाइन की जानकारी दी

निशांत त्रिवेदी ने बीआईएस लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, इसका लाइव प्रदर्शन कर उद्योगपतियों को जानकारी दी। उन्होंने भारतीय मानक, राजपत्र अधिसूचना, संशोधन, दस्तावेज एवं प्रयोगशाला वर्गीकरण विवरण के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने उद्योगपतियों को उत्पाद विशेष की जानकारी भी दी।

इस जागरूकता कार्यक्रम के संयोजक नैनेश पच्चीगर ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। चैंबर की केमिकल डाईज एंड इंटरमीडिएट्स कमेटी के अध्यक्ष श्रेयांस गोयल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन सदन के मानद कोषाध्यक्ष भावेश गढ़िया ने किया। जबकि मानद मंत्री भावेश टेलर ने सर्वे का आभार जताते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

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