सूरत : वैश्विक खाद्य निर्यात के लिए जागरूकता जरूरी, चैंबर ऑफ कॉमर्स का विशेष सत्र
अंतर्राष्ट्रीय मानकों और प्रमाणपत्रों की जानकारी देकर उद्यमियों को वैश्विक बाज़ार में प्रवेश के लिए किया प्रेरित
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के ग्लोबल कनेक्ट मंच द्वारा सोमवार, 7 जुलाई 2025 को सरसाणा स्थित समहति में “निर्यात तत्परता और वैश्विक खाद्य अनुपालन” विषय पर एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय निर्यात मानकों, प्रमाणपत्रों और आवश्यक प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना था।
मुख्य वक्ता के रूप में द एचेसन ग्रुप की खाद्य सुरक्षा निदेशक सुश्री रंजीत कालेर ने जानकारी दी कि अमेरिका, यूरोपीय संघ जैसे विकसित बाज़ारों में खाद्य निर्यात करने के लिए HACCP, ISO 22000, FSSAI जैसे प्रमाणपत्रों का होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि खाद्य उत्पादों की पूरी आपूर्ति श्रृंखला कच्चे माल की खरीद से लेकर पैकेजिंग और शिपमेंट तक गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए, तभी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में टिके रहना संभव है।
चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि दक्षिण गुजरात में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में तेज़ी से विकास हो रहा है। फलों और अन्य प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में उद्यमियों को वैश्विक मानकों के अनुसार खुद को तैयार करना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए चैंबर समय-समय पर ऐसे जागरूकता सत्र आयोजित करता है।
चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि दक्षिण गुजरात के उद्यमियों के पास उत्पादन क्षमता, कच्चे माल और व्यावसायिक जागरूकता जैसी खूबियां हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों और प्रमाणन से जोड़कर वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।
इस मौके पर मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कानूनी और गुणवत्ता अनुपालन अब विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन चुके हैं। उन्होंने उद्यमियों से अनुरोध किया कि वे अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए उचित दिशा में तैयारी करें।
सत्र का संचालन एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट के सीईओ परेश भट्ट ने किया और अंत में सभी प्रतिभागियों का आभार जताया। सुश्री रंजीत कालेर ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित उद्यमियों की निर्यात से जुड़ी शंकाओं का समाधान भी किया।
उन्होंने कहा कि 2024 में अमेरिका का प्रोसेस्ड फूड मार्केट 98.4 बिलियन डॉलर का रहा, जबकि वैश्विक बाज़ार 377 बिलियन डॉलर से अधिक का है और इसमें 5% की वार्षिक वृद्धि हो रही है। यह भारत जैसे देशों के लिए अवसरों का स्पष्ट संकेत है।
यह कार्यक्रम न केवल जानकारीपरक रहा, बल्कि सूरत के उद्यमियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।