सूरत :  ट्रेन द्वारा कपड़ों के पार्सल की डिलीवरी के संबंध में रेलवे और डाक विभाग के अधिकारियों के साथ चैंबर  बैठक 

सूरत :  ट्रेन द्वारा कपड़ों के पार्सल की डिलीवरी के संबंध में रेलवे और डाक विभाग के अधिकारियों के साथ चैंबर  बैठक 

सूरत से जयपुर, कोलकाता आदि लंबी दूरी की ट्रेनों में कपड़े के पार्सलों का एक कोच लगाया जाए : चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोड़ावाला

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा सरसाना में रेलवे बोर्ड और डाक विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक रणनीतिक योजना एवं कार्यान्वयन जी.वी.एल. सत्यकुमार, सूरत रेलवे स्टेशन के निदेशक मुकेश कुमार और उनकी पूरी टीम तथा दक्षिण गुजरात क्षेत्र के डाक सेवाओं के निदेशक डॉ. शिवराम मौजूद रहे।

इस बैठक में चर्चा हुई कि सूरत शहर के कपड़ा बाजार में जिन कपड़ा व्यापारियों की दुकानें हैं, उनके साड़ी, ड्रेस मटेरियल, दुपट्टे सहित पार्सल रेलवे और डाक विभाग द्वारा देश के अन्य शहरों में आसानी से भेजे जा सकते हैं। इसके अलावा, पार्सल किराया, संग्रह केंद्र, पार्सल बुकिंग प्रणाली, रेलवे और डाक विभाग की रसद प्रणाली पर चर्चा और विचार किया गया।

रेलवे को लगातार पार्सल लोड मिलेगा

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने रेलवे बोर्ड और डाक विभाग के अधिकारियों से कहा कि कपड़े के पार्सल की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। तेजी में कपड़े के पार्सल सूरत से प्राप्त होंगे लेकिन अन्य समय में भी पार्सल रेलवे को प्राप्त होंगे, इसलिए रेलवे व्यवस्था कपड़ा व्यापारियों को डोर टू डोर कलेक्शन के लिए सहयोग करे।

कपड़ा कारोबारियों की मुश्किलें

स्थायी समाधान के लिए देश के अन्य शहरों में कपड़े के पार्सल पहुंचाने के लिए रेलवे प्रणाली द्वारा विशेष ट्रेनें चलाई जानी चाहिए। इसके अलावा चेंबर के अध्यक्ष ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को सुझाव दिया कि सूरत से जयपुर, कोलकाता आदि महत्वपूर्ण कपड़ा मंडी जाने वाली नवजीवन हावड़ा जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में कपड़ा पार्सल का एक कोच लगाया जाए।

जनवरी-2023 से नियमित ट्रेनों में कपड़े के पार्सल भिजवाने का प्रयास

रेलवे बोर्ड के जीवीएल सत्यकुमार ने कहा कि सूरत से कपड़े के पार्सल वाराणसी भेजे जा रहे हैं, लेकिन रेलवे व्यवस्था ने अब सूरत से कपड़े के पार्सल को ट्रेन से देश के अन्य शहरों में पहुंचाने की पहल की है। रेलवे एवं डाक विभाग द्वारा जनवरी-2023 से नियमित ट्रेनों में कपड़े के पार्सल भिजवाने का प्रयास किया जा रहा है।

रेलवे सिस्टम ने एक मोबाइल ऐप भी बनाया है, जिसमें सामान्य बुकिंग फीचर से कपड़ा कारोबारियों को अलर्ट किया जाएगा। रेलवे व्यवस्था द्वारा कपड़ा मंडियों में हिंदी में पैम्फलेट भी बांटे जाएंगे और वीडियो संदेश के माध्यम से कपड़ा व्यापारियों को जागरूक किया जाएगा।

पार्सल ट्रेन व्यापारीओं को जल्द पार्सल मिलेगा और रेलवे को अच्छी आमदनी

बैठक में चर्चा की गई कि कपड़े के पार्सल सड़क परिवहन के माध्यम से देश के अन्य शहरों में भेजे जाते हैं, लेकिन यदि पार्सल ट्रेन को स्थायी रूप से शुरू किया जाता है, तो कपड़ा व्यापारियों को अधिक लाभ होगा। इससे दूसरे शहरों के कपड़ा व्यापारियों को पार्सल जल्दी मिलेंगे और रेलवे को भी अच्छी आमदनी होगी। कपड़ा पार्सल को गोदाम में रखने की योजना बन सकती है।

सूरत में डिपो बनेगा तो बहुत अच्छा होगा। यह सुझाव दिया गया कि रिंग रोड पर फ्लाईओवर के नीचे कपड़ा पार्सल के लिए एक संग्रह केंद्र स्थापित किया जा सकता है। इस बैठक में रेलवे व्यवस्था और डाक विभाग के अधिकारियों ने चेंबर ऑफ कॉमर्स और कपड़ा व्यापारियों के प्रति सकारात्मक रूख दिखाया।

पूरी बैठक का संचालन चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद मंत्री भावेश टेलर ने किया। चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष भावेश गढ़िया ने कपड़ा व्यापारियों की दुर्दशा को दूर करने के लिए उनके द्वारा दिखाए गए सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए रेलवे और डाक विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

चेंबर के ग्रुप चेयरमैन व फोस्टा के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, फोस्टा के सचिव चंपालाल बोथरा व अन्य कपड़ा व्यवसायी, चेंबर के ग्रुप चेयरमैन संजय गांधी व चेंबर की रेलवे कमेटी के अध्यक्ष राकेश शाह व सह अध्यक्ष बिपिन पटेल व अन्य इस बैठक में समिति के सदस्य भी मौजूद थे।

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