सूरत में डोग पालना हुआ सख्त: पड़ोसियों की सहमति अब अनिवार्य
नगर निगम ने जारी किए नए नियम; बिना लाइसेंस कुत्ता पालने पर होगी कानूनी कार्रवाई
सूरत। डोग के काटने की बढ़ती घटनाओं, विशेषकर अहमदाबाद में एक बच्चे की मौत के बाद, सूरत नगर निगम हरकत में आ गया है। नगर निगम के मार्केट विभाग ने पालतू श्वान रखने के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने के साथ ही कई नए और कड़े नियम लागू किए हैं।
इन नियमों के तहत, अब श्वान पालने के लिए अपने 10 पड़ोसियों और सोसायटी/अपार्टमेंट के अध्यक्ष की लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा।
सूरत नगर निगम के मार्केट अधीक्षक दिग्विजय राम के अनुसार, इन नए नियमों का उद्देश्य श्वानों के काटने की घटनाओं पर लगाम लगाना और ऐसी स्थिति में पालतू जानवरों के मालिकों की जवाबदेही तय करना है।
नगर निमग ने नए नियम लागू होने से पहले ही शहर के 1000 से अधिक पालतू श्वान मालिकों को नोटिस जारी कर दिए हैं, जिसमें उन्हें नए नियमों की जानकारी और लाइसेंस लेने की प्रक्रिया समझाई गई है। दिग्विजय राम ने स्पष्ट किया कि जो लोग इन नोटिसों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें मोबाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा और जज द्वारा सजा तय की जाएगी।
कुत्ता पालने के इच्छुक नागरिकों को अब एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।आवेदन फॉर्म: नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट www.suratmunicipal.gov.in से 'डोग रखने के बारे में' फॉर्म डाउनलोड या ऑनलाइन भरा जा सकता है।
पड़ोसियों की NOC: मालिक को अपने आसपास रहने वाले 10 पड़ोसियों से गारंटी पत्र (हलफनामा) लेना होगा।सोसायटी/अध्यक्ष की सहमति: सोसायटी या अपार्टमेंट के चेयरमैन/अध्यक्ष की गारंटी भी अनिवार्य है।
पहचान और पता: मालिक की पहचान और पते के सबूत के तौर पर आधार कार्ड की कॉपी और नगर निगम के टैक्स बिल या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी संलग्न करनी होगी।
कुत्ते का विवरण: डोग के टीकाकरण का प्रमाण, विशेषकर रेबीज के टीकाकरण का प्रमाण, जमा करना होगा। साथ ही, डोग की फोटो और उसकी नस्ल का विवरण भी देना होगा।
सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ भरा हुआ फॉर्म संबंधित वार्ड कार्यालय में जमा करना होगा, जिसकी एक फोटोकॉपी आवेदक को अपने पास रखनी होगी।
मार्केट विभाग के सूत्रों के अनुसार, नए नियम लागू होने के बाद अब तक कुल 256 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 150 आवेदनों को स्वीकृत कर लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं, जबकि जांच के बाद 109 आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
नगर निगम का यह कदम शहर में पालतू जानवरों के प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।