जानिये क्यों राजकोट में खूब बरसा पानी भी किसी काम नहीं रहा!

जानिये क्यों राजकोट में खूब बरसा पानी भी किसी काम नहीं रहा!

राजकोट में कई वर्षों से बन रही है बारिश के पानी को संग्रहित करने की योजना पर अभी तक कुछ अमल में नहीं

इन दिनों बारिश की गुजरात पर अलग ही कृपा है। गुजरात के सभी जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिनों में हो रही लगातार बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिया पर दुखद बात है कि इतने पानी के होने के बाद भी हम उस पानी को बचा नहीं पाए। सिर्फ राजकोट की बात करें तो यहां मेघराजा ने एक ही दिन में 4890 करोड़ लीटर पानी बरसाया है, लेकिन, अफ़सोस की बात यह है कि यह पानी जमा नहीं हुआ है और बह गया है। ये पानी इतना था कि राजकोट के लोगों को अगले चार महीने तक बड़े आराम से जलापूर्ति की जा सकती थी।
आपको बता दें कि राजकोट में कई सालों से ऐसी योजनाओं को अमल में लाने की बात चल रही जिसके चलते बारिश का पानी जमा किया जा सके पर योजनाओं को लागू किया जाना बाकी है। शहर में 12 इंच की औसत वर्षा के साथ 163.30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में इतना पानी बरसता है कि अगर उसे संग्रहीत किया जाता है, तो 360 मिलियन लीटर की दैनिक मांग के मुकाबले 135 दिनों तक चलेगा।
इस बार की बात करें तो अब तक शहर में औसतन 21 इंच बारिश हुई है। इस हिसाब से ये पानी 220 दिन चलाने योग्य है और अगर मान लें कि शहर की औसत बारिश 35 इंच हो, इतना कि शहर में साल भर के लिए बारिश का पानी उपयुक्त रहेगा।
उल्लेखनीय है कि अजी बांध और न्यारी बांध में जो पानी आता है वह शहर के बाहर जलग्रहण क्षेत्र में जमा हो जाता है जिसका उपयोग नहीं होता है। साथ ही लालपरी झील में जाने वाला पानी पीने के लिए नहीं है। इसलिए वेस्टजोन क्षेत्र का पानी अगर न्यारी-2 बांध में जमा है तो वह पानी भी पीने के लिए नहीं लिया जाता है।