राजकोट से फैक्ट्री मालिक का अपहरण: बिहार गिरोह का पर्दाफाश, NEET पास युवती निकली साइबर एक्सपर्ट

शापर पुलिस ने 6 आरोपियों को बिहार की जेल से लाकर किया गिरफ्तार

राजकोट से फैक्ट्री मालिक का अपहरण: बिहार गिरोह का पर्दाफाश, NEET पास युवती निकली साइबर एक्सपर्ट

राजकोट के एक फैक्ट्री मालिक और उनके चाचा को व्यापारिक समझौते (एमओयू) के बहाने बिहार बुलाकर अपहरण और फिरौती वसूली के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में बिहार के एक संगठित गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 20 वर्षीय एक युवती भी शामिल है, जिसने NEET परीक्षा पास कर रखी है और साइबर अपराधों में निपुण मानी जाती है।

कोटडासांगाणी के पड़वला में फैक्ट्री चलाने वाले और राजकोट के नानामवा रोड स्थित व्रज कॉम्प्लेक्स निवासी महक चोवटिया और उनके पारिवारिक चाचा आशीष भंडेरी को एक एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए पटना बुलाया गया था। लेकिन वहां पहुंचने पर उनका अपहरण कर लिया गया और फिरौती के रूप में उनसे 30 लाख रुपये वसूले गए।

शापर पुलिस ने इस मामले में मुख्य सरगना रंजीत उर्फ मुन्ना अरविंद सरजूप्रसाद (उम्र 39), विकास उर्फ मोहित मनोज रामव्रीच (25), कुंदन अरुणकुमार यादव (21), लालबिहारी उग्रसेन यादव (25), बिपात्रा लालदेवसिंह हरिचरणसिंह (35) और युवती संगीता उमेशप्रसाद महतो (20) को बिहार की बेउर जेल से गिरफ्तार कर शापर लाया। इन सभी आरोपियों को सात दिन की रिमांड पर लिया गया है।

संगीता, जो नालंदा की रहने वाली है, ने पुलिस से पूछताछ के दौरान खुद को अनपढ़ बताकर गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस को जब शक हुआ और निजी तौर पर पूछताछ की गई, तो खुलासा हुआ कि वह NEET पास है और साइबर गतिविधियों की एक्सपर्ट है। वह गिरोह के लिए ऑनलाइन मनी ट्रांसफर और डिजिटल गतिविधियों को संभालती थी।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि मुख्य आरोपी रंजीत पहले गुजरात के अहमदाबाद में तीन साल तक रह चुका है और गुजराती भाषा में भी निपुण है। इसी गिरोह ने अहमदाबाद के नरोडा क्षेत्र से भी एक व्यापारी का अपहरण किया था, जिसकी शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज है।शापर के पुलिस निरीक्षक आर.बी. राणा के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई के बाद शुक्रवार को कोटडासांगाणी में आरोपियों की पहचान परेड कराई गई। हालाँकि, राजकोट के अपहरण पीड़ित ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया है।इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि संगठित अपराधी अब हाई-टेक हो चुके हैं और पढ़े-लिखे युवा भी अपराध के इस जाल में शामिल हो रहे हैं। पुलिस अब गिरोह के नेटवर्क और अन्य संभावित वारदातों की गहराई से जांच कर रही है।

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