राजकोट : महंगी होती शिक्षा; 4000 छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़ सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया

राजकोट : महंगी होती शिक्षा; 4000 छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़ सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया

वर्तमान में 81 सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 32 हजार के पार

कोरोना काल आने के साथ आम आदमी का जीवन बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ। लाखों लोगों की नौकरी चली गई। इस दौरान जहां एक आम परिवार के लिए जीवनयापन कठिन हो चला था वहीं बच्चों की निजी स्कूलों की शुल्क जमा करना पहाड़ जैसा काम हो चुका था। भले सरकार ने निजी स्कूलों पर पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन अब भी अधिकांश मध्यवर्गीय परिवार ऐसा करने में पूर्ण सक्षम नहीं है। हालांकि अब मध्यमवर्गीय अभिभावकों के बीच नए चलन से निजी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। एक तरफ जहां निजी विद्यालयों में भारी भरकम शुल्क और अतिरिक्त खर्च परिवार पर दवाब बनाती है वहीं नगर निगम के स्कूलों में उच्च शिक्षित शिक्षकों के साथ सभी सुविधाएं और सब कुछ मुफ्त है। ऐसे में इस साल सरकारी विद्यालयों में छात्रों द्वारा अधिक अनुपात में प्रवेश लिया गया है।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के सूत्रों के मुताबिक पिछले साल अभिभावकों द्वारा निजी स्कूलों के लिविंग सर्टिफिकेट के सहारे नगर पालिका के विद्यालयों में दाखिला लिया था जो इस साल सबसे ज्यादा संख्या है। हमने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर भी जोर दिया है।वर्तमान में 81 सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 32 हजार के पार हो चुकी है। बताते चलें कि बीते चार साल ये संख्या 30 हजार से कम ही रही है।
शहर में मूँझका, माधपार, घंटाेश्वर, मोतमवा और मनहरपार के पांच गांवों के राजकोट मनपा में विलीन होने के बाद अब मनपा स्कूलों के गांवों के 55 शिक्षक और करीब 1750 छात्र शामिल होंगे और इसे अगले सेमेस्टर से लागू किया जाएगा।