
राजकोट : तीन साल के बच्चे ने बड़े भाई के हत्यारे को पकड़ने में ऐसे की पुलिस की मदद
By Loktej
On
केंटीन के बाकी बिल के चलते माता-पिता के साथ चल रहे विवाद में पुत्र को उतारा मौत के घाट
जामनगर के मोती खावड़ी गांव में साल 2017 में अपने बड़े भाई की हत्या कर शव को दफनाने वाले शख्स को दोषी ठहराने में तीन साल के बच्चे की गवाही ने अहम भूमिका निभाई है। जामनगर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तेजस आर देसाई ने मंगलवार को आरोपी शिवनाथ रमाकांत (30) को उम्रकैद की सजा सुनाई। कैंटीन के खाने के बिल को लेकर बच्चे के माता-पिता से विवाद के चलते शिवनाथ ने उनके पुत्र की हत्या कर दी थी। पूरे मामले में कोर्ट ने शिवनाथ पर रू. 17,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अतिरिक्त सरकार वकील हेमेंद्र मेहता ने कहा कि अमरजीत के छोटे भाई सत्यम के बयान ने मामले में अहम भूमिका निभाई। सत्यम पुलिस को अपने भाई के हत्यारे के पास ले गया था। उस समय सत्यम तीन साल का था। अब 8 साल का हो गया है। हेमेंद्र मेहता ने मीडिया को बताया कि सुनवाई के दौरान जज देसाई ने सत्यम को डर ना लगे इसलिए उसे बगल में बैठाकर बयान दर्ज कराया था।
उन्होंने आगे कहा कि जिस स्थान पर पीड़ित का शव दफनाया गया था, वहां से मिट्टी का मिलान कर आरोपी पर मिली मिट्टी, अन्य सबूतों और परिवार के सदस्यों के बयानों ने यह साबित करने में मदद की कि शिवनाथ ही असली हत्यारा था। अदालत ने शिवनाथ को अपहरण और सबूत नष्ट करने का भी दोषी पाया।
मामले की जानकारी के अनुसार, शिवनाथ और मृतक बच्चे के पिता मनोज कुमार सखलदेव एक बड़ी निजी कंपनी में मजदूरी करते थे और फैक्ट्री के पास ही उसी श्रमिक कॉलोनी में रहते थे। मनोज की पत्नी सुशीला अपना छोटा सा कैंटीन चलाती थी और शिवनाथ वहीं खाना खाता था। चूंकि शिवनाथ ने दो महीने से भोजन के बिल का भुगतान नहीं किया था, सुशीला ने उनसे बकाया मांगना शुरू कर दिया। बकाया बिलों के भुगतान की लगातार मांग से शिवनाथ चिढ़ गया।
इस बीच, 31 मई, 2017 को, जब मनोज के बेटे 5 वर्षीय अमरजीत और 3 वर्षीय सत्यम अपने घर के बाहर खेल रहे थे। शिवनाथ ने उन्हें आइसक्रीम खिलाने की लालच दी। बाद में शिवनाथ सत्यम को छोड़कर अमरजीत को अपने साथ ले गया। देर तक अमरजीत के नहीं मिलने पर उसके माता-पिता ने शाम को मेघपार थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जब सत्यम से उसके बड़े भाई के बारे में पूछा तो उसने पुलिस को बताया कि शिवनाथ अमरजीत को आइसक्रीम खिलाने कहीं ले गया था। इसलिए पुलिस ने शिवनाथ को हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने ही अमरजीत की हत्या की थी और बाद में उसके शव को दफना दिया। शिवनाथ पर अपहरण, हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था। पुलिस जांच में सामने आया था कि शिवनाथ ने पहले अमरजीत के मुंह को जोर से दबाया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी।