राजकोट : तीन गुना पैसे भरने के बाद भी सूदखोरों ने नहीं छोड़ा परेशान करना, युवक ने की आत्महत्या

इमिटेशन का काम करने वाले अशोक के व्यापारी के भाग जाने के कारण हो गया था डेढ़ से दो लाख का कर्ज

गुजरात में पिछले कई दिनों से सूदखोरों का आतंक काफी बढ़ता जा रहा है। सूदखोरों के इस आतंक का सबसे बड़ा शिकार बन रहे है गरीब और मध्यमवर्ग के लोग, जो की व्याज पर पैसे लेकर फंस जाते है। क्योंकि मूल रकम वापिस करने के बाद भी ऐसे सूदखोर उन्हें व्याज के व्याज के नाम पर उनसे पठानी उघरानी करते है। इसके चलते कई लोग परेशान होकर अपना जीवन समाप्त कर लेते है। ऐसा ही एक मामला राजकोट से सामने आया है। 
राजकोट में सूदखोरों का आतंक भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे ही सूदखोरों के आतंक में अशोक नामक यह युवक फंसा था। अशोक के परिवारवालों द्वारा लगाए गए आक्षेपों के अनुसार, युवक हर महीने 5 लाख के लिए 50 हजार रुपए व्याज भर रहा था। युवक के पिता ने बताया की उनका पुत्र इमिटेशन का काम करता था। हालांकि उसका व्यापारी राजस्थान भाग गया। इसके चलते पुत्र अशोक पर डेढ़ से दो लाख का कर्ज बढ़ हो गया। अपना कर्ज उतारने के लिए उसने कुछ लोगों से व्याज पर पैसे लेकर लोगों को दिये। पर व्याज से लिए पैसे पर व्याज बढ़ता ही गया। पिता ने बताया की उन्होंने एक व्यक्ति से 35 हजार रुपए लिए थे, जो उसने 10 से 15 प्रतिशत व्याज पर दिये थे। यदि दो दिन में पैसे नहीं पहुँचते तो 3000 भरने की जगह पर 5000 पेनल्टी लगा देता था। उन 35 हजार का उन्होंने 1 लाख रुपया भरा था। 
पिता ने आगे बताया, इसी तरह अन्य एक व्यक्ति के पास से लिए 25000 के लिए भी हर दिन 500 से 700 रुपए देने पड़ते। यदि 2 दिन पैसे नहीं दिये जाते तो 1000-2000 पेनल्टी लगा दी जाती। इस तरह से पुत्र पर व्याज बढ़ते ही गया और उस से यह सब सहन नहीं हुआ तो उसने आवेश में आकर अपने जीवन को समाप्त करने का निर्णय ले लिया। अशोक ने आत्महत्या करने के लिए जहरीली दवा पी ली। अशोक को तुरंत ही अस्पताल पहुंचाया गया, पर इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। 
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