जानें कैसे वियाग्रा ने बचाई एक नर्स की जान!

जानें कैसे वियाग्रा ने बचाई एक नर्स की जान!

कोमा में जाने के बाद नर्स की मित्रों ने वियाग्रा देने का दिया था सुझाव

दुनिया भर में कोरोना के कारण कै लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। ऐसी ही एक नर्स जो कि पिछले 45 दिनों से कोरोना के खिलाफ आईसीयू में अपनी लड़ाई लड़ रही थी। अंत में होश में आ चुकी है। 45 दिनों से बीमारी से लड़ रही महिला कि जान बचाने के लिए वियाग्रा का इस्तेमाल करना पड़ा। 37 वर्षीय मोनिका अलमिडा कोरोना के खिलाफ लड़ते-लड़ते कोमा में जा चुकी थी। मोनिका के कोमा में जाने एक सप्ताह बाद डॉक्टरों ने उसे वियाग्रा देकर जगाया था। वियाग्रा देने के कारण उसकी फेफड़ों में सांस लेने की जगह खुल गई थी, जिसके कारण उसे सास लेने में आसानी होने लगी।
'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार मोनिका अल्मेडा नाम की नर्स के दोनों टीके (both vaccines) होने के बावजूद, उसका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया किया फिर हालत ज्यादा खराब होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। हालांकि इसके बाद इलाज के दौरान वह कोमा में चली गई। कोमा में जाने के सात दिनों के बाद मोनिका को वियाग्रा दिया गया, जिसके आधे घंटे बाद ही उसे होश आ गया। मोनिका का ऑक्सीज़न लेवल आधे से भी कम हो गया था और यह लगातार कम होता जा रहा था। ऐसे में मोनिका की सहकर्मियों ने यह आइडिया सुझाया था, जो की काम कर गया। 
जब मोनिका को होश आया तो उसने अपने डॉक्टरों को धन्यवाद किया। जब डॉक्टरों ने उसे बताया की उसे वियाग्रा की मदद से होश में लाया गया है। तो पहले तो उसे यह सब मज़ाक लग रहा था। पर बाद में उसे पता चला की यह सच बात है। मोनिका ने बताया कि उसे अस्थमा की तकलीफ है, इसके चलते उसे काफी तकलीफ हुई थी।
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