बैंक में फंस गई थी यह मशहूर तालिबानी महिला फिल्म डिरेक्टर, जानें किस तरह से बचाई अपनी जान
By Loktej
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बैंक मैनेजर ने पीछे के दरवाजे से निकाल कर बचने में की सहायता, फिल्म कम्यूनिटी को किया था साथ में कदम उठाने की विनंती
23 सालों बाद अफगानिस्तान पर फिर से तालिबान का राज आ चुका है। इसका प्रभाव वहाँ की महिलाओं और युवतियों पर भी देखा जा सकता है। शरिया कानून के अमल होने पर देश भर में महिलाओं पर कई तरह के नियंत्रण लगाए जाएँगे। जिससे की महिलाओं का जीना हराम हो जाएगा। इसी के चलते कई लोग देश को छोडने की तैयारी करने लगे है। इन लोगों में एक है अफगानिस्तान की मशहूर फिल्म डिरेक्टर सहारा करिमी, जो की तालिबानों द्वारा हो रहे अधिग्रहण के दौरान बैंक में मौजूद थे।
एक न्यूज एजंसी से बात करते हुये सहारा करिमी ने बताया कि अफगानिस्तान की परिस्थिति काफी खतरनाक है। यह काफी खौफनाक है। काफी जरूरी है कि इन सभी घटनाओं का जरूरी दोक्यूमेंटेशन किया जाये। जिससे आने वाले समय में दुनिया इस याद रख सके। करिमी ने इसके पहले भी फिल्म कम्यूनिटी को पत्र लिखकर तालिबान के जुल्म के खिलाफ कदम उठाने की मांग की थी। उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। करिमी ने बताया कि 15 अगस्त को वह पैसे निकालने के लिए बैंक गई थी।
काफी समय इंतजार करने के बाद भी वह पैसे नहीं निकाल पाई थी और अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। पर इसी बीच उसे बाहर से गोलियों की आवाज सुनाई दी। तालिबान के कब्जे के बाद रातोरात करिमी को रातोरात काबुल छोड़कर भागना पड़ा था। फिलहाल वह यूक्रेन की राजधानी में है। करिमी ने बताया जब बाहर गोलियों की आवाज सुनने के बाद बैंक मैनेजर ने ही उसे पीछे के दरवाजे से बाहर निकाला। बता दे कि करिमी अफगान फिल्म ऑर्गनाइज़ेशन की पहली महिला डिरेक्टर है करिमी ने हवा मरियम, आयशा जैसी कई फिल्में बनाई है।
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