जानिये ये दो लोग क्यों फैलाते थे ट्रेन में बम होने की अफवाह!?
By Loktej
On
आरोपियों ने ये महज इसलिए किया ताकि वे अपने-अपने परिवार के साथ समय गुजार सकें
ट्रेन और विमान जैसे परिवहन में बम जैसी खबर कितनी संवेदनशील हो सकती है इस बात का अंदाजा शायद कुछ लोगों को नहीं है और इसीलिए शायद ये लोग इन संवेदनशील बातों को मजाक में लेते है। हाल ही में ट्विटर पर 11 मई और 18 मई को अलग-अलग अंतराल में चार झूठे ट्वीट किए गए। इन ट्वीट में लिखा था कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा है और इसमें सवार यात्रियों की जान बचाई जाए।इस मामले में मध्यप्रदेश की शासकीय रेलवे पुलिस यानि जीआरपी ने गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा होने के बारे में चार झूठे ट्वीट करने के आरोप में एक निजी ठेकेदार कंपनी के दो सफाईकर्मियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
जीआरपी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने ये महज इसलिए किया ताकि वे अपने-अपने परिवार के साथ समय गुजार सकें। अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए उन्होंने ट्वीट कर अलग-अलग स्टेशनों से इस यात्री ट्रेन को देर कराना चाहा। जीआरपी की इंदौर इकाई की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मिलन रजक (44) और प्रमोद माली (25) के रूप में हुई है।
आपको बता दें कि इन ट्वीट के बाद दोनों तारीखों को रतलाम और अन्य रेलवे स्टेशनों पर बम निरोधक दस्ते की मदद से यात्री गाड़ियों की जांच की गई। लेकिन ट्रेन में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा होने के सिलसिलेवार ट्वीट को आतंकी जुड़ाव के संदेह से देखा जा रहा था। मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ पर पता चला कि अपने-अपने परिवार के साथ समय बिताने की नीयत से उन्होंने झूठे ट्वीट किए। गुप्ता ने बताया कि माली ने बम की अफवाह के बारे में ट्वीट करने के लिए रजक के मोबाइल फोन और उसके ट्विटर खाते का इस्तेमाल किया था।
जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी माली और रजक मुंबई के रहने वाले हैं और उनके मुताबिक गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के महज दो घंटे बाद उन्हें ठेकेदार कंपनी द्वारा दूसरी यात्री ट्रेन पश्चिम एक्सप्रेस में सफाई के लिए रवाना कर दिया जाता है। गुप्ता ने बताया कि दोनों आरोपियों ने इस नीयत से झूठे ट्वीट किए कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस अपने तय समय के मुकाबले देर से बांद्रा पहुंचे उन्हें पश्चिम एक्सप्रेस में सफाई के लिए सवार नहीं होना पड़े और वे घर पहुंचकर अपने परिवार के साथ समय बिता सकें। फिलहाल दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और रेल अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।