राजस्थान : जानिए क्यों करौली दंगों के बीच वायरल हुआ एक पुलिस वाला, लोग बता रहे हैं भगवान का दूत

राजस्थान : जानिए क्यों करौली दंगों के बीच वायरल हुआ एक पुलिस वाला, लोग बता रहे हैं भगवान का दूत

करौली थाने में तैनात सिपाही नेत्राश शर्मा ने आग में कूद कर बचाई एक मासूम और दो महिलाओं की जान

राजस्थान के करौली शहर में शनिवार शाम एक हिंदुत्व संगठन की बाइक रैली में पथराव की घटना के बाद दंगाइयों ने कई दुकानों को जला दिया। बाजार में खरीदारी करने गई दो महिलाएं जान बचाने के लिए पास के एक घर में छिप गईं। जब दंगाइयों ने घर में आग लगा दी तो महिलाएं और उनके साथ का बच्चा रोने लगा। बच्चों की आवाज सुनकर कांस्टेबल नेत्रेश घर के अन्दर दौड़ा और उस बच्चे को बचाकर बाहर भागा। महिलाएं भी उनके पीछे दौड़ीं, तीनों बाल-बाल बच गईं।
करौली थाने में तैनात सिपाही नेत्राश शर्मा ने बताया कि बाइक रैली पर पथराव और दुकानों में आग लगने के बाद बाजार में कोहराम मच गया। चारों तरफ आग और धुआं था। इस बीच शाम करीब साढ़े छह बजे फुटकोट पर मैं एक पुलिस दल के साथ आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा था। फूटकोट में दो ब्रेसलेट की दुकानों में भी आग लग गई। दुकान के बगल में एक इमारत आग की लपटों में घिर गई। घर से दो महिलाओं और एक बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। बच्चा जोर जोर से रो रहा था। महिला बच्चे को बचाने के लिए चिल्ला रही थी। जब मैंने यह आवाज सुनी तो मैंने देखा कि महिलाएं आग की लपटों में फंसी हुई हैं। मैं वहां दौड़ा और बच्चे को कपड़े में लपेट दिया। मैंने औरतों से कहा, मैं बच्चे को लेकर भागा, तुम भी मेरे पीछे भागो। मैंने जल्दी से बच्चे को पकड़ा और आग की लपटों में भाग गया। दोनों औरतें भी मेरे पीछे दौड़ीं। तीनों बाल-बाल बचे। फिर मैंने उन्हें घर से कुछ दूर किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया। इसके लिए महिलाओं ने मुझे धन्यवाद भी दिया।
इस घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा की दो महिलाओं और एक बच्चे की जान बचाते हुए फोटो शेयर कर उनके हौसले को सलाम किया है।
पूरी घटना की बात की जाये तो राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली पर शनिवार शाम पथराव की घटना सामने आई थी। इससे हटवारा बाजार में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। उपद्रवियों ने एक दर्जन से ज्यादा दुकानों और तीन बाइकों को आग के हवाले कर दिया था। बिगड़ते हालात को देखते हुए शहर में पहले धारा 144, कर्फ्यू और फिर इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 43 लोगों के घायल हो गए थे, जबकि पुष्पेंद्र नाम के व्यक्ति की हालत गंभीर थी। माहौल बिगड़ते ही बाइक रैली को रद्द कर दिया गया था। आगजनी से लाखों रुपए का नुकसान हो गया था।
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