रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए एक साथ स्टेडियम में आ गए हजारो लोग

रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए एक साथ स्टेडियम में आ गए हजारो लोग

वैक्सीन के वितरण के लिए की गई थी व्यवस्था पर एक साथ लोगों के आ जाने हालात हुये बेकाबू, लोगों ने किया 'रोड रोको' आंदोलन

कोरोना की दूसरी लहर के कारण पूरे देश में लोग परेशान हैं। सभी जगह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में लोगों की मदद करने के बजाय कई लोग कालाबाजारी कर रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण तमिलनाडु के चेन्नई में 15 तारीख को परिस्थिति नियंत्रण के बाहर हो गई थी।
इंजेक्शन लेने के चक्कर में तमिलनाडू के चेन्नई के एक ग्राउंड में एक साथ कई लोगों के इकट्ठा हो जाने से गाइडलाइन का सरेआम उल्लंघन हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 तारीख को तमिलनाडु मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन की ओर से एक नोटिस जारी किया गया। जिसमें बताया गया था कि चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाएगा। यहां पर सिर्फ तीन सौ टोकन ही प्रतिदिन दिए जाएंगे। साथ ही नोटिस में बताया गया कि इंजेक्शन के लिए गेट नंबर 5 से प्रवेश दिया जाएगा जबकि बाहर निकलने के लिए गेट नंबर 4 से व्यवस्था की गई है। लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गई थी लेकिन इंजेक्शन लेने के लिए लोग आने लगे तो संख्या इतनी बढ़ गई कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं दिखा।  
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
एक महिला ने बताया कि मेरा पूरा परिवार हॉस्पिटल में दाखिल है। मैं रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए प्रयास कर रही हुं लेकिन मुझे इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। सरकार की ओर से कोई प्रयास भी नहीं किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने भीड़ नहीं हो इसलिए स्टेडियम में इंजेक्शन बेचने का फैसला किया है लेकिन इसके बावजूद नियम का उल्लंघन हो रहा है। इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण नाराज लोगों ने 'रोड रोको' प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिवारजनों का आरोप है कि उन्हें बड़ी मुश्किल से इंजेक्शन मिल रहे हैं। इस बीच एक बात और फैली थी कि आगामी दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलेंगे।
केंद्र सरकार प्रतिदिन तमिलनाडु को 7000 इंजेक्शन दे रही है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का कहना है कि केंद्र से प्रतिदिन 20,000 इंजेक्शन मांगे गए हैं लेकिन राज्य की डिमांड ज्यादा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि देश के कई कोनों में इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है।