धरती का स्वास्थ्य सही रहेगा तभी बची रहेगी सृष्टिः योगी आदित्यनाथ
बाराबंकी, 12 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को किसानों से कहा कि धरती का स्वास्थ्य सही रहेगा तभी सृष्टि बची रहेगी।
बाराबंकी के दौलतपुर ग्राम में आयोजित प्रगतिशील किसान सम्मेलन तथा खेती की बात खेत पर नामक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रबी सत्र की किसान पाठशाला की शुरुआत करते हुए कहा कि ''धरती माता हमारा पेट भरने के लिए अन्न उत्पन्न करती है, लेकिन इसका स्वास्थ्य भी ठीक रहना चाहिए और स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो मानव ही नहीं बल्कि सारी सृष्टि बची रहेगी।''
खेत पर पहुंचकर किसानों से सीधे संवाद करने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की कृषि प्रगति, बहुफसली खेती, तकनीकी नवाचार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था की पारदर्शिता और किसानों की आय वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने कहा कि इसके लिए अनेक कार्यक्रम वर्तमान में चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने नेशनल विजन ऑफ नेचुरल फार्मिंग के जिस अभियान को आगे बढ़ाया है ये उसी कड़ी का हिस्सा है।
योगी ने कहा, '' वे (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) हमेशा कहते हैं कि किसान की आमदनी को बढ़ाने का पहला मंत्र है लागत कम हो तथा उत्पादन ज्यादा हो। अन्नदाता किसान को समय पर बीज, खाद, सिंचाई की सुविधाएं तथा वैज्ञानिक पद्धतियों का सहयोग मिले तो ये संभव है।''
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों का सम्मान भी किया गया और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी किसानों को चेक व स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए।
इस अवसर पर प्रदर्शनी में उन्नत किस्मों की फसलों, सब्जियों, कृषि यंत्रों और एफपीओ आधारित नवाचारों का अवलोकन भी किया गया, जबकि दौलतपुर की उन्नत खेती के मॉडल को प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए प्रेरणा बताया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है, जहां 25 करोड़ लोग निवास करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले 11 वर्षों में राज्य ने समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उर्वर भूमि, पर्याप्त जल संसाधन और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण राज्य कृषि और अवसंरचना के क्षेत्र में अग्रणी बना है।
योगी के अनुसार देश की कुल कृषि योग्य भूमि में उत्तर प्रदेश का हिस्सा 11 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय खाद्यान्न आपूर्ति में प्रदेश का योगदान 21 प्रतिशत है। सरकार ने किसानों को बीज से लेकर बाजार तक आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराकर उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी सुनिश्चित की है। स्वॉइल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा, गन्ना भुगतान, कृषि मंडियों के विस्तार तथा स्टोरेज और प्रोसेसिंग सुविधाओं ने किसानों को लाभ पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौ भौगोलिक जलवायु क्षेत्र हैं और इनके अनुरूप उन्नत बीज तथा तकनीक उपलब्ध कराने पर कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2017 से पहले की तुलना में आज रिकॉर्ड उत्पादन और पारदर्शी व्यवस्था ने प्रदेश की प्रगति को नयी दिशा दी है। कृषि विकास दर को 8.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.7 प्रतिशत तक पहुंचाया गया है।
