मनसुख हिरेन मामले के अभियुक्तों ने नष्ट किए सबूत : एटीएस

मोबाइल फोन, सिम कार्ड, सीसीटीवी फुटेज जैसे अहम सबूत किए गायब

मुंबई, 23 मार्च (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत के आरोपियों ने इस मामले में कुछ प्रमुख सबूत नष्ट कर दिए हैं। एटीएस ने दो दिन पहले इस मामले में अहम खुलासे की घोषणा की थी। एटीएस दो सप्ताह की लंबी जांच को अब बंद करने की तैयारी कर रहा है। एटीएस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जय जीत सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आरोपियों ने जिन सबूतों को नष्ट किए हैं, उनमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करना शामिल है।
रविवार को हुई अहम गिरफ्तारियाँ
रविवार को इस मामले में कुछ अहम गिरफ्तारियां हुईं। इनमें बर्खास्त पुलिस अधिकारी विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर शामिल हैं। शिंदे आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, लेकिन मई 2020 के बाद से पैरोल पर हैं। बहरहाल, शिंदे और गोर दोनों को पुलिस ठाणे के उस स्थान पर ले गई जहां 5 मार्च को हिरेन का शव मिला था। इनके अलावा, मुख्य अभियुक्त-निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे भी हैं जो फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में हैं। सिंह ने कहा कि जब 25 मार्च को वाजे की एनआईए की हिरासत खत्म हो जाएगी, तो एटीएस आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी। एटीएस ने पहले वाजे के घर और भिवंडी के कुछ गोदामों पर छापा मारा है ताकि अधिक सबूत एकत्र किए जा सकें।
गुजरात और दीव-दमन जाकर एटीएस ने की गिरफतारी
मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। एटीएस की टीमें गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश दमन व दीव भी पहुंच चुकी हैं। दीव से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। उसने वाजे और अन्य को 'ऑपरेशन' के लिए सिम कार्ड की आपूर्ति की थी। दमन से एक एसयूवी जब्त की गई है। एक फोरेंसिक टीम एसयूवी की पूरी तरह से जांच कर रही है। इस टीम ने व्हीकल से बैग में पैक किए गए कुछ कपड़े और अन्य चीजें बरामद की हैं। सिंह ने कहा कि एटीएस ने कई गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें से कुछ आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए गए हैं।
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