आज साइकल दिवस है; कोरोना काल में सेहत की अहमियत समझे हो तो शुरु हो जाओ!

आज साइकल दिवस है; कोरोना काल में सेहत की अहमियत समझे हो तो शुरु हो जाओ!

1 लाख से लेकर 4 लाख तक कीमत में बिकते है साइकल, स्वास्थ्य और प्रदूषण के नजरिए से है काफी कारगर

जब से विश्व में कोरोना महामारी फैली है तब से लोग अपने स्वास्थय के प्रति अधिक जागृत हुये है। हालांकि अभी भी कई लोग विभिन्न कारणों से अपने स्वास्थ्य के प्रति उतना ध्यान नहीं देते। कई लोगों का बहाना होता है की स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उनके पास जिम जाने का बजट नही है। तो यह खबर खास उन लोगों के लिए है। जो लोग जिम नहीं जा सकते वह मात्र साइकल चला कर ही अपनी सेहत का ध्यान रख सकते है। बता दे की साइकल चलते वक्त शरीर के लगभग हर एक अंग का इस्तेमाल होता है। इसलिए यह एक अच्छा साधन है, जिसकी सहायता से आप अपने स्वास्थय बेहतर बनाए रख सकते है। पहले तो साइकल को गरीबों का वाहन माना जाता था। पर आजकल तो बड़े से बड़े अमीर के ज़िंदगी में भी साइकल का काफी महत्व है। 
हालांकि आज कल साइकल के भी विभिन्न प्रकार सामने आए है। जहां पहले गरीबों का वाहन माने जाने वाली साइकल काफी सस्ती मिलती थी। वही आजकल मिलने वाली कई साइकलों की कीमत बाइक से भी ज्यादा पहुँच जाती है। राजकोट साइकल जोने के अमित टाँक इस बारे में कहते है की भारत में 20 हजार से अधिक की कीमत के साइकल नहीं बिकते। जिसके चलते महंगी साइकलों को ताइवान जैसे देशों से मंगाया जाता है। ताइवान की मेरिडा, यूएसए की ट्रेक, स्विट्जरलेंड की स्टोट और इन्डोनेशिया की पोलिगोन सहित कई कंपनियाँ जो साइकल उत्पादित करती है। जिसकी कीमत 1 से 4 लाख तक की होती है। राजकोट में ही कई लोग ढाई लाख तक की साइकल चलाते है। 
कोरोना काल में रो-मटीरियल और ट्रांसपोर्टेशन सहित चीजों की कीमत बढ़ जाने के कारण साइकल की कीमतों में भी 10 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसके अलावा सरकार ने विदेश से साइकल की इम्पोर्ट करने पर भी प्रतिबंध लगा कर रखा है। जिसके कारण वेटिंग पीरियड भी बढ़ा हुआ है। बता दे की आजकल बड़े-बड़े सितारे भी प्रदूषण, स्वास्थय और अन्य कारणों से साइकल का इस्तेमाल करना काफी पसंद करते है। इसके अलावा विदेशों में तो कई कंपनियों ने तो साइकल से आने वाले कर्मचारियों के लिए तो विभिन्न छुट भी दी हुई है। 
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