कर्ज में डूबी हुई टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की तकलीफ़ें लगातार बढ़ रही

कर्ज में डूबी हुई टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की तकलीफ़ें लगातार बढ़ रही

अगले साल अप्रैल के बाद कंपनी के लिए टीक पाना होगा काफी मुश्किल

पिछले कई समय से कर्ज में डूबी हुई टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की तकलीफ़ें लगातार बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा AGR डैब्ट में संशोधन करने की टेलिकॉम कंपनियों की मांग को नकार दिया गया है। जिसके चलते वोडाफोन-आइडिया के फंड एकत्रित करने के प्रयास को झटका लग सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, कंपनी के पास खुद को दिवालिया घोषित करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। 
विशेषज्ञों के अनुसार, टेलिकॉम मार्केट में पिछले कई समय से काफी कोंपीटीशन चल रही है। जिसके चलते कंपनी अधिक टेरीफ़ नहीं बढ़ा सकती है। यदि सरकार द्वारा कंपनी को कोई राहत नहीं दी गई तो कंपनी के लिए आने वाले साल में अप्रैल के बाद मार्केट में टीक पाना काफी मुश्किल होगा। इसके अलावा कंपनी के पास विकल्प भी काफी कम है। इक्विटी रिसर्च के प्रमुख मयूरेश जोशी ने बताया कि कंपनी को आने वाले साल में 24 हजार करोड़ से भी अधिक का भुगतान करना है। पर बिना फंडिंग के कंपनी के लिए सभी विकल्प खतम हो जाएँगे। जिसके चलते टेलिकॉम क्षेत्र में मात्र रिलायन्स जियो और एरटेल ही बचेंगे। 
इसके पहले वोडाफोन आइडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में AGR केल्क्युलेशन के लिए आवेदन दिया गया था। एक प्रमुख ब्रोकरेज कंपनी के एनालिस्ट ने कहा कि कंपनी के पास सभी लीगल विकल्प पूर्ण हो गए है। कंपनी के पास फिलहाल 1.8 करोड़ के भारी कर्ज है और कंपनी के पास मात्र 350 करोड़ का ही कैश है। कंपनी पिछले 10 महीनों से 25 हजार करोड़ एकत्र करने की कोशिश कर रही है, जिसमें कंपनी निष्फल रही है। 
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