सूरत : रांदेर इलाके के नगर प्राथमिक विद्यालय में ओंकार-प्राणायाम के साथ प्रार्थना शुरू हुई

सूरत : रांदेर इलाके के नगर प्राथमिक विद्यालय में ओंकार-प्राणायाम के साथ प्रार्थना शुरू हुई

प्रार्थना आस्तिक के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है जिसके माध्यम से एकता बढ़ती है

हर स्कूल के दिन की शुरुआत प्रार्थना से होती है और आमतौर पर स्कूल में प्रार्थना के लिए 10 मिनट का समय दिया जाता है लेकिन बीच में रांदेर इलाके के एक कस्बे के प्राथमिक स्कूल में 25 मिनट की प्रार्थना होती है और उसमें भी ओंकार से प्रार्थना शुरू की जाती है। प्रार्थना आस्तिक के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है जिसके माध्यम से एकता बढ़ती है। इसलिए स्कूल में कक्षा शुरू होने से पहले छात्रों को प्रार्थना करने के लिए कहा जाता है। आमतौर पर प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना के लिए 10 से 15 मिनट का समय दिया जाता है जिसमें छात्रों को अलग-अलग प्रार्थनाएँ दी जाती हैं। लेकिन रांदेर क्षेत्र में नगर पालिका द्वारा संचालित रविशंकर महाराज कन्याशाला में छात्रों द्वारा की गई प्रार्थना इस समय चर्चा के केंद्र में है। 

 छात्रों द्वारा गाई गई इस प्रार्थना की शुरुआत ओंकार और विभिन्न योग क्रियाओं से होती है

ये छात्र अपनी कक्षा में प्रार्थना नहीं करते बल्कि कक्षा के बाहर बैठते हैं। छात्रों द्वारा गाई गई इस प्रार्थना की शुरुआत ओंकार और विभिन्न योग क्रियाओं से होती है। इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल रोशनी टेलर ने बताया कि प्रार्थना की शुरुआत ध्यान-प्राणायाम से की जाती है। जिसमें ॐ का जाप कर उस तक ध्यान पहुँचाया जाता है। गर्दन घुमाना, आंख घुमाना, हाथ घुमाना जैसी विभिन्न योग क्रियाएं की जाती हैं। बाद में प्रार्थना धुन और घड़िया गाई जाती हैं। इसके अलावा प्रतिदिन अलग-अलग शिक्षक विद्यालय में दिन विशेष एवं गुरुवाणी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों को जानकारी प्रदान करते हैं।
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